बिहार चुनाव से पहले ECI की चेतावनी: राजनीतिक दलों को AI-जनित कंटेंट के दुरुपयोग से बचने का निर्देश
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र, चुनाव आयोग (ECI) ने 24 अक्टूबर को सभी राजनीतिक दलों को एक अहम सलाह जारी की है, जिसमें चुनावी अभियान के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सिंथेटिक कंटेंट के जिम्मेदाराना उपयोग पर जोर दिया गया है। आयोग ने चेताया है कि AI और डीपफेक तकनीकों का अनुचित इस्तेमाल न केवल निष्पक्ष चुनावी माहौल को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि मतदाताओं के विश्वास और चुनावी अखंडता के लिए भी एक गंभीर खतरा है।
डीपफेक और AI कंटेंट से खतरा
ECI के अनुसार, हाल के समय में यह देखा गया है कि अत्यधिक यथार्थवादी रूप में बनाए गए सिंथेटिक वीडियो, ऑडियो या छवियों के माध्यम से राजनीतिक नेताओं को ऐसे संदेशों के साथ चित्रित किया जा रहा है जो मतदाताओं को भ्रमित कर सकते हैं। ऐसे कंटेंट का उपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ प्रचार में किया जा रहा है, जिससे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की भावना बाधित हो रही है।
आयोग ने स्पष्ट किया कि AI-संचालित तकनीकों से उत्पन्न कंटेंट को सत्य की तरह प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे राजनैतिक बहस और मतदाता निर्णय प्रक्रिया पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।
चुनाव आयोग की स्पष्ट गाइडलाइन
चुनाव आयोग ने पहले मई 2024 और फिर 16 जनवरी 2025 को AI और सिंथेटिक कंटेंट के उपयोग को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे। अब इन निर्देशों को और अधिक सख्ती से लागू करने की योजना है। मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- स्पष्ट लेबलिंग अनिवार्य: कोई भी AI-जनित या संशोधित वीडियो, ऑडियो या इमेज में “AI-Generated”, “Digitally Enhanced” या “Synthetic Content” जैसे शब्दों को स्पष्ट, पठनीय और दृश्य क्षेत्र के कम से कम 10% भाग में अंकित करना होगा।
- वीडियो में शीर्ष पर लेबल: वीडियो कंटेंट में यह लेबल स्क्रीन के ऊपरी हिस्से में होना चाहिए।
- स्रोत का खुलासा: हर सामग्री के साथ यह भी उल्लेख अनिवार्य होगा कि वह किस संस्था या व्यक्ति द्वारा बनाई गई है (metadata या कैप्शन में)।
- अनुचित कंटेंट पर प्रतिबंध: कोई भी ऐसा कंटेंट जो किसी व्यक्ति की पहचान, स्वर या छवि को बिना सहमति के इस प्रकार प्रस्तुत करता है जिससे मतदाता भ्रमित हो सकते हैं, वह गैरकानूनी माना जाएगा।
- तीन घंटे में हटाना जरूरी: अगर किसी राजनीतिक दल के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर ऐसा कंटेंट पाया जाता है, तो उसे तीन घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा।
- रिकॉर्ड रखना अनिवार्य: सभी AI आधारित प्रचार सामग्री का रिकार्ड रखना होगा, जिसमें रचनाकार का नाम और निर्माण का समय शामिल हो।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- चुनाव आयोग भारत का संवैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी।
- ECI तीन सदस्यीय निकाय है जिसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त होते हैं।
- AI और डीपफेक से संबंधित पहली गाइडलाइन ECI ने मई 2024 में जारी की थी।
- 2025 बिहार विधानसभा चुनाव पहली बार है जब ECI ने AI कंटेंट पर इतने विस्तृत और सख्त निर्देश लागू किए हैं।