बिहार चुनाव में पहली बार लागू होगी ECINET ऐप, तेजी से जारी होंगे मतदान आंकड़े

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने मतदान के दिन वोटर टर्नआउट (मतदान प्रतिशत) आंकड़ों के तेजी से प्रकाशन को सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रक्रिया में बड़ा सुधार किया है। इस वर्ष नवंबर में प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ECI अपनी नई मोबाइल एप्लिकेशन ECINET का प्रयोग शुरू करेगा, जिससे मतदान का डेटा तेजी से और पारदर्शी तरीके से सार्वजनिक किया जा सकेगा।

नई ECINET प्रणाली क्या है?

वर्तमान में चुनाव आयोग के पास लगभग 40 अलग-अलग ऐप्स और पोर्टल्स हैं, जिनमें से कुछ उम्मीदवार के हलफनामे, वोटर लिस्ट प्रबंधन, वोटिंग प्रतिशत और चुनाव परिणामों से संबंधित हैं। मई 2024 में आयोग ने घोषणा की थी कि यह सभी सुविधाएँ एकीकृत करके एक ही ऐप ECINET में लाई जाएंगी।
इस ऐप की मदद से:

  • हर मतदान केंद्र का प्रेसाइडिंग ऑफिसर हर दो घंटे में सीधे ECINET ऐप में मतदान आंकड़े दर्ज करेगा।
  • यह आंकड़े स्वचालित रूप से गणना होकर पूरे विधानसभा क्षेत्र का टर्नआउट प्रतिशत प्रदर्शित करेंगे।
  • इससे डेटा प्रवाह में लगने वाला समय घटेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।

पिछली देरी पर विवाद और आयोग की सफाई

2024 के लोकसभा चुनाव में शुरुआती दो चरणों के बाद चुनाव आयोग ने मतदान के दिन रात 7 बजे तक का अस्थायी डेटा जारी किया था, परंतु पूर्ण आंकड़े 11 दिनों बाद आए, जिससे आंकड़ों में 5-6 प्रतिशत तक का अंतर देखा गया। इस देरी पर विपक्ष ने पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे “परिणामों में हेराफेरी की कोशिश” तक करार दिया। इसके जवाब में आयोग ने कहा कि 2019 में भी अंतिम आंकड़े 5-7 दिन बाद ही आए थे और 1-3 प्रतिशत का अंतर सामान्य था। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदान टीमों की प्राथमिकता वैधानिक प्रक्रियाएँ पूरी करना होती हैं, न कि आंकड़ों की रिपोर्टिंग।

ECINET से होंगे क्या लाभ?

  • तेजी से डेटा अपडेट: मतदान के दौरान हर दो घंटे में आंकड़े उपलब्ध होंगे।
  • सीधा अपलोड: सेक्टर अधिकारी या रिटर्निंग ऑफिसर के माध्यम से नहीं, बल्कि सीधे प्रेसाइडिंग ऑफिसर द्वारा डेटा प्रविष्ट होगा।
  • पारदर्शिता: सभी नागरिक सार्वजनिक ऐप के माध्यम से मतदान प्रतिशत देख सकेंगे।
  • विवादों की समाप्ति: आंकड़ों की देरी से उत्पन्न होने वाली आशंकाओं और राजनीतिक आरोपों में कमी आएगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ECINET ऐप की शुरुआत: नवंबर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में।
  • पूर्व CEC: ज्ञानेश कुमार के कार्यभार संभालने के बाद यह पहल शुरू हुई।
  • Form 17C: प्रत्येक उम्मीदवार के एजेंट को मतदान के अंत में बूथ-वार टर्नआउट आंकड़े दिए जाते हैं – यह एक वैधानिक दस्तावेज़ है।
  • लोकसभा 2019 में आंकड़ों की घोषणा: मतदान के 5-7 दिन बाद।
  • विपक्ष की आशंका: देरी से आंकड़े जारी करने को लेकर परिणामों में छेड़छाड़ की संभावना पर सवाल।

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