बिहार को मिला पहला सुपरकंप्यूटर ‘परम रुद्र’: पूर्वी भारत में शोध को नई गति
पूर्वी भारत के लिए उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग और उन्नत शोध के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) पटना में ‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर का उद्घाटन किया गया है। यह सुपरकंप्यूटिंग सुविधा बिहार में अपनी तरह की पहली है और यह राज्य को देश के राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह लॉन्च न केवल बिहार की शैक्षणिक और वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि यह क्षेत्रीय शोधकर्ताओं को अपने ही राज्य में जटिल गणनात्मक कार्य करने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे बाहरी संस्थानों पर निर्भरता घटेगी।
बिहार के लिए तकनीकी उन्नति का प्रतीक
‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर का उद्घाटन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर सचिव अमितेश कुमार सिन्हा द्वारा किया गया। यह बिहार का पहला सरकारी या शैक्षणिक संस्थान है जहां ऐसी उच्च-प्रदर्शन गणना सुविधा स्थापित की गई है।
IIT पटना के निदेशक टी एन सिंह ने इसे “बिहार और इसके आसपास के क्षेत्रों के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन” लाने वाला बताया। यह प्रणाली 10 विभागों के लगभग 60 संकाय सदस्यों और 400 छात्रों को लाभान्वित करेगी।
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत स्थापित
‘परम रुद्र’ को भारत सरकार के राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य देश में स्वदेशी सुपरकंप्यूटिंग क्षमताओं का निर्माण करना है। इस मिशन के तहत अब तक 37 सुपरकंप्यूटर लगाए जा चुके हैं, जिनकी कुल क्षमता 39 पेटाफ्लॉप्स है। आगामी चरण में 10 और प्रणालियाँ स्थापित की जाएंगी जिससे भारत की कुल क्षमता 100 पेटाफ्लॉप्स से अधिक हो जाएगी।
यह मिशन न केवल कंप्यूटिंग शक्ति बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि इसके माध्यम से HPC प्रोसेसर, सर्वर, शीतलन प्रणाली, इंटरकनेक्ट और सॉफ्टवेयर स्टैक जैसे तकनीकी घटकों का भी स्वदेशी विकास किया जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘परम रुद्र’ बिहार का पहला सुपरकंप्यूटर है और IIT पटना में स्थापित किया गया है।
- यह राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) का हिस्सा है, जिसे MeitY (इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) संचालित करता है।
- सुपरकंप्यूटर की गणना क्षमता को पेटाफ्लॉप्स में मापा जाता है।
- मिशन का उद्देश्य स्वदेशी हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग इकोसिस्टम तैयार करना है।
अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
यह सुविधा कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा साइंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, मॉलिक्यूलर इलेक्ट्रॉनिक्स, फ्लूइड मैकेनिक्स, नैनो-बायो इंटरफेस, कम्प्यूटेशनल एस्ट्रोबायोलॉजी, और मैटेरियल डिज़ाइन जैसे क्षेत्रों में शोध को नई दिशा देगी। इससे न केवल IIT पटना बल्कि पूरे पूर्वी भारत के अनुसंधान संस्थानों को तकनीकी संबल मिलेगा।
‘परम रुद्र’ सुपरकंप्यूटर का शुभारंभ बिहार की तकनीकी उन्नति की ओर एक सशक्त संकेत है, जो राज्य को उच्च-प्रदर्शन शोध और नवाचार के राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने की क्षमता रखता है।