बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष के समापन पर भव्य आयोजन: 1 से 15 नवंबर तक जनजातीय गौरव सप्ताह

बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष के समापन पर भव्य आयोजन: 1 से 15 नवंबर तक जनजातीय गौरव सप्ताह

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष के समापन और पांचवें “जनजातीय गौरव दिवस” की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1 से 15 नवंबर 2025 तक राज्य और जिला स्तर पर स्मृति कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह आयोजन न केवल जनजातीय नायक बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि है, बल्कि जनजातीय समुदायों की विरासत, संघर्ष और योगदान को राष्ट्रीय पहचान देने का एक सशक्त प्रयास भी है।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा गया निर्देश

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय कल्याण विभाग के प्रमुख सचिवों को पत्र भेजकर कहा है कि सभी को इस आयोजन में अनिवार्य रूप से भाग लेना चाहिए। जिन राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू है (जैसे बिहार), वहां ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट’ का पालन करते हुए कार्यक्रम आयोजित करने का अनुरोध किया गया है।

प्रमुख गतिविधियाँ और योजनाएं

सरकार ने इन आयोजनों के तहत विभिन्न गतिविधियाँ सुझाई हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • जनजातीय आबादी को लक्षित करते हुए योजनाओं का शुभारंभ या लाभ वितरण
  • ‘पीएम-जनमान’, ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ और ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ जैसी योजनाओं को उजागर करना
  • ‘ट्राइबल विलेज विजन 2030’ दस्तावेज़ों का सार्वजनिक प्रदर्शन
  • एकलव्य विद्यालयों के छात्रों की चित्रकला प्रदर्शनी
  • वन धन विकास केंद्रों, स्वयं सहायता समूहों और जनजातीय कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए ‘आदि हाट’ मेलों का आयोजन
  • विद्यालयों और महाविद्यालयों में जनजातीय विरासत पर प्रतियोगिताएं
  • मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के माध्यम से स्वास्थ्य जागरूकता अभियान

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • 15 नवंबर को हर वर्ष “जनजातीय गौरव दिवस” मनाया जाता है, जो बिरसा मुंडा की जयंती है।
  • वर्ष 2025 में उनकी 150वीं जयंती वर्ष का समापन हो रहा है।
  • केंद्र ने राज्यों को 1-15 नवंबर तक विशेष आयोजनों की सिफारिश की है।
  • ‘पीएम-जनमान’ और ‘धरती आबा अभियान’ जैसी योजनाएं जनजातीय सशक्तिकरण पर केंद्रित हैं।
  • राष्ट्रीय स्तर के मुख्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति संभावित है (बिहार को छोड़कर 25 राज्यों/UTs को आमंत्रित किया गया है)।

जनजातीय सशक्तिकरण की दिशा में एक राष्ट्रीय पहल

इस आयोजन का उद्देश्य केवल सांस्कृतिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह जनजातीय समुदायों को शासन व्यवस्था से जोड़ने, योजनाओं की पहुंच बढ़ाने और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है।

Originally written on October 28, 2025 and last modified on October 28, 2025.

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