बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का खतरा बढ़ा: सावधानी ही बचाव

बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी का खतरा बढ़ा: सावधानी ही बचाव

हाल ही में दिल्ली और इसके आसपास के हरियाणा क्षेत्रों में ‘हाथ, पैर और मुंह की बीमारी’ (Hand, Foot and Mouth Disease – HFMD) बच्चों के बीच तेजी से फैल रही है। इस वायरल संक्रमण के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और स्कूलों को सतर्क कर दिया है, जिसके चलते अभिभावकों को भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। खासतौर पर 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों में यह बीमारी अधिक देखने को मिल रही है, जिसके लिए कोई विशेष इलाज फिलहाल उपलब्ध नहीं है।

HFMD के लक्षण और संक्रमण का स्वरूप

हाथ, पैर और मुंह की बीमारी एक संक्रामक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है। इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, हाथों और पैरों पर चकत्ते, मुंह में फफोले, गले में खराश और चिड़चिड़ापन शामिल हैं। इन फफोलों के कारण बच्चों को खाना-पीना भी कठिन हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी सामान्यतः 5 से 7 दिनों में स्वयं ही ठीक हो जाती है, लेकिन इस दौरान स्वच्छता और देखभाल बेहद ज़रूरी होती है।

डॉक्टरों की सलाह: आइसोलेशन और घरेलू देखभाल है सबसे प्रभावी

सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. नीरज गुप्ता ने बताया कि इस बीमारी के लिए बाजार में कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। केवल लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए बुखार की दवा दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों से उनके ओपीडी में प्रतिदिन 10-12 मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बरसात के मौसम में वायरस का प्रकोप बढ़ जाता है और HFMD का फैलाव भी इसी कारण हो रहा है।
डॉ. गुप्ता ने बच्चों को तत्काल अलग रखने (आइसोलेशन) और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी है। इसके अलावा, बच्चों को पैकेज्ड या बाहर का खाना देने के बजाय घर का ताजा बना भोजन देना अधिक सुरक्षित बताया गया है।

स्कूलों और शिक्षा विभाग की पहल

दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने हाल ही में सभी स्कूलों और अभिभावकों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें HFMD के लक्षणों को पहचानने और प्रभावित बच्चों को स्कूल न भेजने की अपील की गई है। इससे बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है और अन्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • HFMD का कारण कोक्सैकीवायरस (Coxsackievirus A16) और अन्य एंटरोवायरस होते हैं।
  • यह बीमारी आमतौर पर 5-7 दिन में स्वयं ठीक हो जाती है और इसके लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
  • HFMD मुख्यतः 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
  • संक्रमण फैलने का प्रमुख माध्यम संक्रमित सतहों, छींक या थूक के माध्यम से होता है।
Originally written on September 18, 2025 and last modified on September 18, 2025.

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