बच्चों में आयरन की कमी के इलाज के लिए पहली प्रिस्क्रिप्शन दवा को मंजूरी
बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में अमेरिका के यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 10 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों में आयरन की कमी के इलाज के लिए पहली प्रिस्क्रिप्शन आधारित मौखिक दवा को मंजूरी दे दी है। यह फैसला बच्चों और किशोरों में व्यापक लेकिन अक्सर अनदेखी की जाने वाली आयरन की कमी के उपचार के विकल्पों का दायरा बढ़ाता है और केवल आहार पर निर्भरता से आगे बढ़कर चिकित्सकीय उपचार का रास्ता खोलता है।
किस दवा को मिली मंजूरी
एफडीए ने फेरिक माल्टोल युक्त कैप्सूल को 10 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए स्वीकृति दी है। यह दवा इससे पहले वर्ष 2019 से केवल वयस्कों के लिए अनुमोदित थी। नई मंजूरी के बाद डॉक्टर अब ऐसे बच्चों और किशोरों को नियंत्रित, प्रिस्क्रिप्शन स्तर की मौखिक आयरन थेरेपी दे सकेंगे, जिनमें केवल आहार सुधार पर्याप्त नहीं होता।
बच्चों में आयरन की कमी क्यों है गंभीर
आयरन की कमी दुनिया भर में एनीमिया का सबसे बड़ा कारण मानी जाती है। शरीर में आयरन की कमी होने पर हीमोग्लोबिन का निर्माण प्रभावित होता है, जिससे रक्त में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता घट जाती है। बच्चों और किशोरों में इसका असर लगातार थकान, एकाग्रता में कमी, शारीरिक विकास में देरी और पढ़ाई के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। इसके पीछे अपर्याप्त आहार, आयरन का सही अवशोषण न होना, लंबे समय तक रक्तस्राव और किशोरियों में अत्यधिक मासिक धर्म जैसे कारण होते हैं।
क्लिनिकल ट्रायल से मिला आधार
इस दवा को मंजूरी देने का आधार फोर्टिस नामक एक क्लिनिकल परीक्षण रहा, जिसमें 10 से 17 वर्ष आयु वर्ग के 24 मरीज शामिल थे। प्रतिभागियों को 12 सप्ताह तक दिन में दो बार आयु के अनुसार खुराक दी गई। अध्ययन में औसतन 1.1 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन की वृद्धि दर्ज की गई, जिसे चिकित्सकीय रूप से महत्वपूर्ण माना गया। यह प्रभाव बिना इंजेक्शन या अस्पताल में भर्ती हुए, लगभग एक बार के रक्त आधान के समान पाया गया।
सुरक्षा और उपयोग से जुड़ी सावधानियां
यह दवा सभी बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है। जिन बच्चों में आयरन अधिक जमा होने की समस्या, बार-बार रक्त आधान की आवश्यकता, दवा के घटकों से एलर्जी या सक्रिय आंतों की सूजन जैसी स्थितियां हों, उनमें इसका उपयोग नहीं किया जाता। इसके सामान्य दुष्प्रभावों में पेट से जुड़ी तकलीफ, कब्ज या दस्त, मितली, उल्टी, गैस और मल का गहरा रंग शामिल हो सकता है।
बच्चों के इलाज में व्यापक महत्व
यह मंजूरी परिवारों के लिए घर पर दी जा सकने वाली एक सुविधाजनक और गैर-आक्रामक उपचार पद्धति उपलब्ध कराती है, जिससे इंजेक्शन या रक्त आधान पर निर्भरता कम हो सकती है। साथ ही यह संकेत देती है कि नियामक संस्थाएं अब बाल पोषण से जुड़ी बीमारियों पर अधिक ध्यान दे रही हैं, जिनका दीर्घकालिक प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य और विकास पर पड़ता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- आयरन की कमी एनीमिया का सबसे सामान्य कारण है।
- नई मंजूरी 10 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों के लिए है।
- यह पहली प्रिस्क्रिप्शन मौखिक आयरन दवा है जिसे बाल आयु वर्ग के लिए स्वीकृति मिली है।
- फोर्टिस ट्रायल के आधार पर दवा को मंजूरी दी गई है।
कुल मिलाकर, यह निर्णय बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल आयरन की कमी के इलाज के विकल्प बढ़ेंगे, बल्कि समय पर उपचार के जरिए बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास को भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।