बंधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में ‘गज रक्षक ऐप’ के ज़रिये हाथियों की निगरानी और संघर्ष की रोकथाम

बंधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में ‘गज रक्षक ऐप’ के ज़रिये हाथियों की निगरानी और संघर्ष की रोकथाम

मध्यप्रदेश के बंधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में अब तकनीक के माध्यम से हाथियों की निगरानी की जा रही है, ताकि लगातार बढ़ती हाथियों की आबादी के चलते उत्पन्न हो रहे मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं को रोका जा सके। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत राज्य सरकार ने ‘गज रक्षक ऐप’ की शुरुआत की है, जो हाथियों की स्थिति और गतिविधियों की वास्तविक समय में जानकारी देने वाला अत्याधुनिक मोबाइल ऐप है।

गज रक्षक ऐप: निगरानी की तकनीकी क्रांति

मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा विश्व बाघ दिवस के अवसर पर भोपाल में लॉन्च किए गए इस ऐप को मध्यप्रदेश वन विभाग, वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट और कल्पवाग कंपनी के सहयोग से विकसित किया गया है। 26 से 29 सितंबर तक वन अधिकारियों को इसके उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया गया।

  • रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग: यह ऐप हाथियों की वास्तविक समय की लोकेशन, मूवमेंट और व्यवहार की जानकारी देता है।
  • पूर्व चेतावनी प्रणाली: जैसे ही हाथी किसी गांव की ओर बढ़ते हैं, स्थानीय समुदायों को WhatsApp, SMS, वॉइस कॉल, पुश नोटिफिकेशन और सायरन के माध्यम से अलर्ट भेजा जाता है।
  • ऑफलाइन मोड: नेटवर्क की अनुपस्थिति में भी ऐप काम करता है।

हाथी संरक्षण और मानव-हाथी संघर्ष की रोकथाम

  • फील्ड मॉनिटर्स ऐप पर हाथियों की लोकेशन और तस्वीरें साझा कर सकते हैं।
  • ऐप यह जानकारी भी दिखाता है कि हाथी अकेले घूम रहे हैं या झुंड में।
  • ऐप के उपयोगकर्ता हाथियों की उपस्थिति से 10 किलोमीटर की परिधि में चेतावनी प्राप्त कर सकते हैं।
  • यह स्थानीय लोगों को सतर्क करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में बेहद मददगार है।

बंधवगढ़ में स्थायी रूप से बसे हाथी

2018 में लगभग 40 हाथियों का एक झुंड बंधवगढ़ आया और यहीं बस गया। आज इनकी संख्या लगभग 65 हो चुकी है और यह लगातार बढ़ रही है। यहां का समृद्ध वन क्षेत्र, जल स्रोत और भोजन की उपलब्धता इस क्षेत्र को हाथियों के लिए आदर्श निवास स्थान बनाती है।

शहडोल डिवीजन: हाथियों की आवाजाही का मुख्य क्षेत्र

शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिलों को सम्मिलित करने वाला शहडोल डिवीजन आदिवासी बहुल और घने जंगलों से युक्त है। यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है, जिससे हाथियों की आवागमन लगातार बना रहता है।
वन मंडल अधिकारी (DFO) श्रद्धा पेंड्रे के अनुसार, शहडोल जिले के ब्यावरी क्षेत्र में बाणसागर जलाशय के किनारे 19 हाथियों का एक समूह महीनों से रह रहा है। क्षेत्र में घना बांस का जंगल, पहाड़ी भूभाग और जल स्रोतों की उपलब्धता हाथियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • बंधवगढ़ टाइगर रिज़र्व मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है और यह बाघों के अलावा अब हाथियों के लिए भी प्रसिद्ध होता जा रहा है।
  • गज रक्षक ऐप हाथियों की लोकेशन ट्रैकिंग, फील्ड डेटा शेयरिंग और स्थानीय चेतावनी देने में सक्षम है।
  • शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिले छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे हुए हैं, जिससे हाथियों की नियमित आवाजाही होती है।
  • 2018 में बंधवगढ़ में हाथियों का स्थायी निवास शुरू हुआ था।
Originally written on October 3, 2025 and last modified on October 3, 2025.

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