बंदवाड़ी लैंडफिल से अरावली में ज़हरीले लीचेट का रिसाव: मानव और वन्यजीव दोनों पर मंडराता संकट

बंदवाड़ी लैंडफिल से अरावली में ज़हरीले लीचेट का रिसाव: मानव और वन्यजीव दोनों पर मंडराता संकट

गुरुग्राम-फरीदाबाद मार्ग पर स्थित बंदवाड़ी लैंडफिल साइट से लगातार हो रहा अत्यधिक विषैले, बिना उपचारित लीचेट (Leachate) का रिसाव अब एक गंभीर मानवीय और पारिस्थितिकीय संकट का रूप ले चुका है। पर्यावरणविदों, वन्यजीव कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों ने इस संकट पर तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।

लीचेट प्रदूषण: तीन साल से जारी जहर

वन्यजीव कार्यकर्ता वैशाली राणा, जो वर्ष 2015 से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में इस मुद्दे को उठा रही हैं, ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर बताया कि बंदवाड़ी लैंडफिल से पिछले तीन वर्षों से लगातार लीचेट बह रहा है। यह रिसाव अरावली के जंगलों और बंदवाड़ी गांव की सीमा तक फैल चुका है, जिससे वहां के निवासी और वन्यजीव दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।
राणा ने अपने पत्र में बताया कि लैंडफिल गांव से केवल एक किलोमीटर ऊपर स्थित है और ढलान होने के कारण लीचेट सीधे गांव की ओर बहता है। उन्होंने कई वर्षों में NGT को जियो-स्टैम्प फोटो और वीडियो साक्ष्य सौंपे हैं, जिनमें यह लीचेट जंगल के गड्ढों में इकट्ठा होता दिखता है और वन्यजीवों के जल स्रोतों को प्रदूषित करता है।

MCG पर लापरवाही और अतिक्रमण के आरोप

वैशाली राणा ने गुरुग्राम नगर निगम (MCG) पर आरोप लगाया कि उन्होंने लीचेट रोकने के लिए एक गारलैंड ड्रेन बनाए जाने का दावा किया था, जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि MCG ने लैंडफिल के आसपास लगभग 20 एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है, जिसकी अब तक कोई वैधानिक सीमांकन नहीं हुआ है।
यह मामला हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) के समक्ष भी लंबित है। आयोग के सदस्य दीप भाटिया ने बताया कि उन्होंने 2023 में स्वयं स्थल का दौरा किया था और इस संकट को मानवता और पारिस्थितिकी के लिए गंभीर बताया था।

सरकार की ढिलाई से बिगड़ी स्थिति

दीप भाटिया ने इस समस्या का मुख्य कारण सरकार द्वारा लैंडफिल पर वर्षों से पड़े पुराने कचरे (Legacy Waste) के निस्तारण में हो रही देरी को बताया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अब और देरी नहीं की जा सकती, क्योंकि यह संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • लीचेट एक विषैला तरल होता है जो लैंडफिल से रिसता है और इसमें भारी धातु, विषैले रसायन और जीवाणु हो सकते हैं।
  • अरावली पर्वतमाला भारत की सबसे पुरानी पर्वतमालाओं में से एक है और यह हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में फैली है।
  • राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) एक विशेष न्यायाधिकरण है जो पर्यावरणीय मामलों की सुनवाई करता है।
  • बंदवाड़ी लैंडफिल साइट एनसीआर क्षेत्र के प्रमुख ठोस कचरा निस्तारण स्थलों में से एक है, जहां लाखों टन पुराना कचरा वर्षों से जमा है।
Originally written on October 27, 2025 and last modified on October 27, 2025.

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