बंगाल की खाड़ी में उठते चक्रवात को लेकर केंद्र सरकार सतर्क, तटीय राज्यों में हाई अलर्ट

बंगाल की खाड़ी में उठते चक्रवात को लेकर केंद्र सरकार सतर्क, तटीय राज्यों में हाई अलर्ट

कैबिनेट सचिव डॉ. टी. वी. सोमनाथन ने 25 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बंगाल की खाड़ी में बन रहे संभावित चक्रवात को लेकर तैयारियों की समीक्षा की गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना अवसाद अब पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है और यह अगले दो दिनों में एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है।
चक्रवात फिलहाल चेन्नई से लगभग 950 किमी, विशाखापत्तनम से 960 किमी, काकिनाडा से 970 किमी और गोपालपुर से 1030 किमी दूर स्थित है। इसके 28 अक्टूबर की शाम या रात तक आंध्र प्रदेश के काकिनाडा के आसपास के तट से टकराने की संभावना है। इस दौरान इसकी रफ्तार 90-100 किमी प्रति घंटा हो सकती है, जो झोंकों के साथ 110 किमी तक पहुंच सकती है।

राज्यों की तैयारियां और केंद्रीय समन्वय

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और ओडिशा के मुख्य सचिवों ने समिति को सूचित किया कि तटीय क्षेत्रों में बचाव और राहत की पुख्ता तैयारियां की गई हैं। पर्याप्त संख्या में राहत शिविर और निकासी केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही NDRF और SDRF की टीमें तैयार रखी गई हैं। ज़िला नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं और हालात पर नज़र रखी जा रही है।
समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों को तुरंत किनारे लौटने की सलाह दी गई है, और 26 से 29 अक्टूबर तक तटीय क्षेत्रों में समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की गई है।

केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता

बैठक में गृह मंत्रालय, NDMA, सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सभी विभागों को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के अनुसार तैयारी रखने को कहा गया है। भारतीय तटरक्षक बल अब तक 900 से अधिक जहाजों को सुरक्षित किनारे पर ला चुका है, और बाकी को सतर्क कर दिया गया है।
गृह सचिव ने बताया कि MHA, NDMA और IMD लगातार हालात पर नज़र रखे हुए हैं और राज्य सरकारों व अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत की राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में कार्य करती है और आपात स्थिति में समन्वय सुनिश्चित करती है।
  • बंगाल की खाड़ी भारत में सबसे अधिक चक्रवात-प्रवण क्षेत्र माना जाता है।
  • भारत में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की स्थापना वर्ष 2006 में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी।
  • दीर्घकालिक जलवायु परिवर्तन और समुद्र के तापमान में वृद्धि के कारण चक्रवातों की तीव्रता और आवृत्ति में इज़ाफा देखा जा रहा है।
Originally written on October 28, 2025 and last modified on October 28, 2025.

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