फ्लोरिडा में फिर मिला ‘ज़ॉम्बी डियर रोग’ का मामला, वन्यजीवों के लिए गंभीर चेतावनी

फ्लोरिडा में फिर मिला ‘ज़ॉम्बी डियर रोग’ का मामला, वन्यजीवों के लिए गंभीर चेतावनी

फ्लोरिडा के वन्यजीव अधिकारियों ने राज्य में दूसरी बार ‘ज़ॉम्बी डियर रोग’, जिसे वैज्ञानिक रूप से क्रॉनिक वेस्टिंग डिज़ीज़ (CWD) कहा जाता है, के संक्रमण की पुष्टि की है। यह मामला होम्स काउंटी में पाया गया, जहां अलबामा सीमा के पास एक युवा सफेद-पूंछ वाली मादा हिरण की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
पहला मामला जून 2023 में सामने आया था और अब यह दूसरा मामला विशेषज्ञों के उन डर को बल देता है कि यह संक्रमण भविष्य में व्यापक रूप से फैल सकता है। विशेषज्ञों ने इसे उत्तर अमेरिका में हिरण और हिरण-शिकार संस्कृति के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है।

क्या है क्रॉनिक वेस्टिंग डिज़ीज़ (CWD)?

CWD एक जानलेवा और अत्यधिक संक्रामक रोग है जो हिरण, मूस और एल्क जैसी प्रजातियों में फैलता है। यह उनके मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को प्रभावित करता है, जिससे शरीर की स्थिति में गिरावट, व्यवहार में बदलाव, अत्यधिक लार टपकना और अंततः मृत्यु होती है।
इस रोग का कारण माना जाता है एक ‘प्रायॉन’ नामक प्रोटीन जो संक्रमित पशुओं के ऊतकों में पाया जाता है। हालांकि अभी तक मनुष्यों में इसका कोई प्रत्यक्ष असर सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन बीएसई (मैड काउ डिज़ीज़) जैसे रोगों से संबंधित अनुभवों के आधार पर वैज्ञानिक सतर्क हैं।

फ्लोरिडा की प्रतिक्रिया और रोकथाम योजना

फ्लोरिडा फिश एंड वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन कमीशन (FWC) ने एक आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना लागू की है। होम्स, जैक्सन और वॉशिंगटन काउंटी में एक विशेष प्रबंधन क्षेत्र बनाया गया है, जहां व्यापक परीक्षण और निगरानी शुरू कर दी गई है।
2023 से ही इन क्षेत्रों में शिकारियों को मारे गए हिरणों की अनिवार्य जांच कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि संक्रमण की संभावित वृद्धि को ट्रैक किया जा सके।

CWD कैसे फैलता है?

  • संक्रमित पशु अपनी लार, मूत्र और मल के माध्यम से बीमारी को अन्य पशुओं या पर्यावरण में फैला सकते हैं।
  • मिट्टी और पौधों में ये प्रायॉन चिपक जाते हैं और वर्षों तक वातावरण में सक्रिय रह सकते हैं।
  • मृत संक्रमित पशुओं के अवशेषों से भी मिट्टी में संक्रमण फैलता है।
  • संक्रमित क्षेत्रों में विचरण करने वाले जानवर रोग को अन्य स्थानों तक पहुंचा सकते हैं।
  • गीदड़, कौवे जैसे मृत पशुओं को खाने वाले scavenger भी अपने मल के माध्यम से प्रायॉन फैला सकते हैं।
  • प्राकृतिक हिरण मूत्र-आधारित ल्योर का उपयोग करने वाले शिकारी भी अनजाने में रोग फैला सकते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • CWD की खोज सबसे पहले 1960 के दशक में कोलोराडो में की गई थी।
  • यह रोग 30 से अधिक अमेरिकी राज्यों और कनाडा के कई हिस्सों में फैल चुका है।
  • CWD का कोई इलाज या वैक्सीन नहीं है, और संक्रमित जानवरों में लक्षण दिखने से पहले ही संक्रमण फैल सकता है।
  • प्रायॉन रोगों का समूह “Transmissible Spongiform Encephalopathies (TSEs)” के अंतर्गत आता है, जिनमें मैड काउ डिज़ीज़ और स्क्रैपी शामिल हैं।

फ्लोरिडा में दो मामलों की पुष्टि से स्पष्ट है कि यह रोग अब धीरे-धीरे दक्षिणी अमेरिकी राज्यों की ओर भी बढ़ रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञों और शिकारी समुदाय दोनों के लिए यह चेतावनी है कि निगरानी और रोकथाम के उपायों को गंभीरता से अपनाना अनिवार्य है।

Originally written on October 20, 2025 and last modified on October 20, 2025.

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