फील्ड में ही केमिस्ट्री: पोर्टेबल आयन क्रोमैटोग्राफ से छात्रों को मिला नया प्रयोगात्मक अनुभव

आयन क्रोमैटोग्राफी, यानी नमूने में मौजूद आयनों को एक लंबे कॉलम से गुजार कर अलग करना, आमतौर पर प्रयोगशालाओं में जटिल और महंगे उपकरणों की मदद से किया जाता है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस तकनीक को सरल बनाकर फील्ड में प्रयोग करने योग्य बना दिया है। इससे न केवल पर्यावरणीय अध्ययन में सहूलियत हुई है, बल्कि रसायन शास्त्र के छात्रों को भी प्रयोगशाला के बाहर वास्तविक दुनिया में विश्लेषण करने का अवसर मिला है।

पोर्टेबल डिवाइस से छात्रों ने किया मृदा जल विश्लेषण

इस परियोजना में द्वितीय वर्ष के स्नातक छात्रों ने भाग लिया, जिन्होंने मृदा कणों के बीच मौजूद जल (soil pore water) को फील्ड में ही संग्रहित कर, पोर्टेबल आयन क्रोमैटोग्राफ ‘Aquamonitrix’ के जरिए विश्लेषण किया। इसका उपयोग उन्होंने नाइट्रेट और नाइट्राइट आयनों की मात्रा पता लगाने के लिए किया, जो अधिक मात्रा में पर्यावरण के लिए हानिकारक माने जाते हैं। इस पोर्टेबल उपकरण द्वारा प्राप्त परिणामों की पुष्टि प्रयोगशाला में पारंपरिक क्रोमैटोग्राफ से की गई, और दोनों में काफी समानता पाई गई।

आसान तकनीक, कम खर्च

Aquamonitrix एक लो-प्रेशर आयन क्रोमैटोग्राफ है जो अपेक्षाकृत छोटे कॉलम का उपयोग करता है। इसमें सोडियम क्लोराइड आधारित घोल से सैंपल को ले जाया जाता है, जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल रहता है। UV आधारित अब्जॉर्बेंस डिटेक्टर की मदद से नाइट्रेट और नाइट्राइट की उपस्थिति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, क्योंकि ये दोनों आयन UV लाइट को अवशोषित करते हैं।
डॉ. ब्रेट पॉल, जो इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक हैं, ने बताया कि “हम एक $100,000 की मशीन को फील्ड में नहीं ले जा सकते, लेकिन $10,000 की पोर्टेबल डिवाइस तैयार की जा सकती है जो कुछ कार्य बहुत अच्छे से कर सके, बैटरी से चल सके, और जिसे कोई भी छात्र सरलता से इस्तेमाल कर सके।”

शैक्षणिक प्रयोग के रूप में बड़ा कदम

ACS की 2023 की गाइडलाइंस के अनुसार, स्नातक स्तर के रसायन शास्त्र कार्यक्रमों में ‘हैंड्स-ऑन’ अनुभव आवश्यक है, विशेष रूप से क्रोमैटोग्राफी जैसी तकनीकों में। इस संदर्भ में यह पोर्टेबल डिवाइस छात्रों को न केवल प्रयोगशाला में बल्कि फील्ड में भी प्रयोगात्मक अनुभव प्रदान करती है, जिससे वे वास्तविक समस्याओं का समाधान करना सीखते हैं।
डॉ. विपुल गुप्ता, जो डीकन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में रसायनशास्त्र के प्रवक्ता हैं, कहते हैं, “जब छात्र फील्ड और लैब दोनों में प्रयोग करते हैं, तो उन्हें व्यापक ज्ञान और अनुभव प्राप्त होता है। यह जिज्ञासा और वैज्ञानिक सोच को भी प्रोत्साहित करता है।”

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • आयन क्रोमैटोग्राफी एक पृथक्करण तकनीक है जो आयनों को विश्लेषित करती है।
  • नाइट्रेट और नाइट्राइट अधिक मात्रा में जल स्रोतों में पाए जाने पर जलीय जीवन और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
  • Aquamonitrix डिवाइस बैटरी से संचालित होती है और सरल उपयोग के लिए डिज़ाइन की गई है।
  • वैज्ञानिक इस तकनीक का उपयोग अमोनिया और आर्सेनिक जैसे अन्य तत्वों के विश्लेषण के लिए भी कर रहे हैं।

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