फिजी में पहली बार राष्ट्रीय बाल संरक्षण नीति लागू: प्रशांत क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक कदम

फिजी ने अपनी पहली राष्ट्रीय बाल संरक्षण नीति (National Child Safeguarding Policy) लॉन्च कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह नीति समाज के सभी क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक निर्णायक पहल मानी जा रही है। इसके माध्यम से फिजी ने पूरे प्रशांत क्षेत्र में बाल सुरक्षा के लिए एक नई मानक व्यवस्था पेश की है।
बच्चों के अनुकूल सेवाओं की गारंटी
इस नीति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों से जुड़ी सभी सेवाएं सुरक्षित, सम्मानजनक और बाल-मैत्रीपूर्ण हों। इसके तहत यह आवश्यक बनाया गया है कि सभी संस्थाएं और संगठन जो बच्चों के साथ काम करते हैं, वे स्पष्ट और बाध्यकारी बाल संरक्षण आचार संहिता (Child Protection Code of Conduct) को अपनाएं।
सुरक्षा के लिए ठोस कदम
नीति में कई व्यावहारिक उपाय शामिल किए गए हैं जैसे:
- बाल-हितैषी भर्ती प्रक्रिया जिसमें आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच भी अनिवार्य होगी।
- जोखिम मूल्यांकन और न्यूनीकरण की रणनीतियाँ, जो बच्चों को संभावित खतरों से सुरक्षित रखने में सहायक होंगी।
- कर्मचारियों और स्वयंसेवकों के लिए विशेष प्रशिक्षण और दिशानिर्देश।
प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता
यह नीति उस समय लागू की गई है जब प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है। सांस्कृतिक वर्जनाएं, सीमित संसाधन और घटनाओं की कम रिपोर्टिंग के कारण अक्सर बाल शोषण के मामले सामने नहीं आ पाते या अधूरे रह जाते हैं। ऐसे में फिजी की यह नीति अन्य देशों के लिए अनुकरणीय मॉडल बन सकती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- फिजी ने अपनी पहली राष्ट्रीय बाल संरक्षण नीति 2025 में लागू की।
- इसमें अनिवार्य पृष्ठभूमि जांच, आचार संहिता और जोखिम न्यूनीकरण नीति शामिल हैं।
- प्रशांत क्षेत्र में सीमित संसाधनों और सांस्कृतिक वर्जनाओं के कारण बाल सुरक्षा एक जटिल मुद्दा रहा है।
- यह नीति सभी सरकारी, गैर-सरकारी और निजी संगठनों पर लागू होगी जो बच्चों के साथ काम करते हैं।