फाइब्रोमायल्जिया: एक रहस्यमय लेकिन वास्तविक दर्द विकार
फाइब्रोमायल्जिया एक दीर्घकालिक और व्यापक दर्द से जुड़ी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसे अब चिकित्सा विज्ञान में गंभीरता से लिया जाता है। भले ही इसका सटीक कारण अब तक स्पष्ट नहीं है और इसका कोई स्थायी इलाज मौजूद नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। यह स्थिति दुनियाभर की लगभग 2 से 3 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है, विशेषकर महिलाओं को।
फाइब्रोमायल्जिया क्या है?
फाइब्रोमायल्जिया एक पुरानी दर्द विकृति है जिसमें पूरे शरीर में मांसपेशियों और मुलायम ऊतकों में दर्द और संवेदनशीलता महसूस होती है। यह सिर्फ शारीरिक दर्द तक सीमित नहीं होता, बल्कि थकान, नींद में बाधा, स्मृति से जुड़ी समस्याएं और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित लक्षणों जैसे तनाव, चिंता और अवसाद से भी जुड़ा होता है। इस स्थिति का कोई निश्चित कारण नहीं है, लेकिन यह पारिवारिक इतिहास, अन्य पुरानी बीमारियों या मानसिक-शारीरिक आघात के कारण विकसित हो सकता है। महिलाओं में यह स्थिति पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक देखी जाती है।
इसके कारण और जोखिम कारक
फाइब्रोमायल्जिया के कारणों को लेकर वैज्ञानिक अभी भी शोध कर रहे हैं, लेकिन कुछ कारक सामने आए हैं। इसमें अनुवांशिक प्रवृत्ति, मस्तिष्क में रसायनों का असंतुलन, और दर्द संकेतों की प्रक्रिया में गड़बड़ी को मुख्य कारक माना जाता है। कुछ जोखिम कारक निम्नलिखित हैं:
- महिला होना
- 40 वर्ष से अधिक की आयु
- पारिवारिक इतिहास में फाइब्रोमायल्जिया का होना
- पहले से मौजूद अन्य दीर्घकालिक रोग जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटॉइड आर्थराइटिस, ल्यूपस, आईबीएस आदि
- शारीरिक या मानसिक आघात
लक्षण और संकेत
इस बीमारी का सबसे प्रमुख लक्षण है पूरे शरीर में लगातार बना रहने वाला दर्द। यह दर्द तीन महीने या उससे अधिक समय तक बना रह सकता है और इसकी प्रकृति मद्धम, तीव्र, चुभती या जलन जैसी हो सकती है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में महसूस हो सकता है और समय के साथ स्थान बदल सकता है।
अन्य लक्षणों में थकान, नींद न आना या अपर्याप्त नींद से जुड़ी समस्याएं, सिरदर्द, माइग्रेन, पाचन समस्याएं (जैसे दस्त, कब्ज), पैर में बेचैनी, जबड़े का दर्द, और मानसिक धुंध यानी ‘फाइब्रो फॉग’ शामिल हैं, जिसमें व्यक्ति को सोचने और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। मानसिक तनाव और अवसाद भी आम हैं।
लक्षणों में उतार-चढ़ाव यानी ‘फ्लेयर अप्स’ भी होते हैं, जो कभी-कभी अधिक तीव्र हो सकते हैं और किसी संक्रमण, नींद की कमी या भोजन में बदलाव से बढ़ सकते हैं।
निदान और उपचार
फाइब्रोमायल्जिया के लिए कोई एकमात्र जांच नहीं है, जिससे इसका निदान चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसका मूल्यांकन लक्षणों, दर्द की अवधि और अन्य बीमारियों को बाहर करने के आधार पर किया जाता है।
इलाज का उद्देश्य लक्षणों को कम करना और व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाना होता है। इसमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- दर्द निवारक और अवसाद रोधी दवाएं
- व्यायाम, विशेषकर पानी में किया गया व्यायाम
- कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT)
- रोगी को शिक्षा देना — जिसमें दर्द की प्रकृति और प्रबंधन की रणनीतियों की जानकारी दी जाती है
साथ ही, ऐसे डॉक्टर का चयन करना महत्वपूर्ण है जो इस स्थिति को समझता हो और समर्पित इलाज दे सके।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- फाइब्रोमायल्जिया को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक मान्यता प्राप्त विकार के रूप में सूचीबद्ध किया है।
- महिलाओं में फाइब्रोमायल्जिया का खतरा पुरुषों की तुलना में लगभग आठ गुना अधिक होता है।
- ‘फाइब्रो फॉग’ शब्द का उपयोग इस बीमारी से संबंधित संज्ञानात्मक समस्याओं को दर्शाने के लिए किया जाता है।
- भारत में शोध की कमी: 2023 के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में फाइब्रोमायल्जिया पर शोध सीमित है और अधिकांश रोगियों में मानसिक लक्षण पाए जाते हैं।