प्राकृतिक आपदाओं से भारत में 2023 में 6,444 लोगों की मौत, सबसे ज्यादा बिजली गिरने से

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में “प्राकृतिक शक्तियों” के कारण 6,444 लोगों की जान गई। इनमें बिजली गिरना, हीट स्ट्रोक, ठंड, बाढ़, भूस्खलन और अन्य मौसम संबंधी घटनाएं प्रमुख रहीं।
बिजली गिरना बना सबसे बड़ा कारण
इन 6,444 मौतों में से 2,560 यानी लगभग 39.7% मौतें केवल बिजली गिरने से हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश (397), बिहार (345), ओडिशा (294), उत्तर प्रदेश (287) और झारखंड (194) ऐसे राज्य रहे जहां बिजली गिरने से सबसे अधिक मौतें दर्ज की गईं।
भारतीय भूभाग, विशेष रूप से इंडो-गंगेटिक मैदान और मध्य भारत, अक्सर गर्म और नम हवा के टकराव से बने गहरे संवहनात्मक बादलों के कारण बिजली की घटनाओं के प्रति संवेदनशील रहता है।
हीट स्ट्रोक और ठंड से भी बढ़ी मौतें
हीट स्ट्रोक से 804 और अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने से 733 लोगों की मौत हुई। इन दोनों कारणों से होने वाली मौतों में क्रमशः 10% और 1.8% की वृद्धि दर्ज की गई। तेलंगाना में हीट स्ट्रोक से सबसे अधिक मृत्यु दर देखी गई — वहाँ ‘forces of nature’ श्रेणी के तहत हुई 137 मौतों में से 85 (62%) केवल हीट स्ट्रोक से हुईं।
भूस्खलन और बाढ़ प्रभावित राज्य
भूस्खलन से मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मेघालय जैसे पहाड़ी राज्यों में सर्वाधिक जानें गईं। वहीं, बाढ़ और मूसलाधार बारिश के कारण भी कई लोग मारे गए, विशेषकर बिहार, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में।
जानवरों और सांपों के हमले भी जानलेवा
सांप के काटने से 10,144 लोगों की जान गई, जो कि 2022 की तुलना में 0.6% अधिक है। इसके अलावा, 1,739 लोग जानवरों के हमलों में और 1,172 लोग अन्य सरीसृपों और कीड़ों के काटने से मारे गए।
सबसे अधिक प्रभावित राज्य
- ओडिशा: 1,351 मौतें
- उत्तर प्रदेश: 852 मौतें
- मध्य प्रदेश: 789 मौतें
- बिहार: 679 मौतें
- झारखंड: 401 मौतें
- महाराष्ट्र: 312 मौतें
प्रमुख शहरों में मौतों की स्थिति
53 शहरों में कुल 602 मौतें प्राकृतिक कारणों से दर्ज की गईं। इनमें से 21.1% हीट स्ट्रोक और 19.6% ठंड के कारण थीं।
- अमृतसर: 51 मौतें ठंड से, 56 मौतें गर्मी से — दोनों में सर्वाधिक
- लुधियाना: 22 मौतें ठंड से, 20 मौतें गर्मी से
- कानपुर और धनबाद: क्रमशः 15 और 11 मौतें गर्मी से
उम्र के अनुसार विश्लेषण
प्राकृतिक कारणों से हुई मौतों में से 63.6% पीड़ित 30 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के थे। 30-45 वर्ष की आयु के लोगों की हिस्सेदारी 34.8% और 45-60 वर्ष की 28.8% रही।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो): गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाली संस्था है जो वार्षिक दुर्घटना और आत्महत्या से जुड़ी रिपोर्टें जारी करती है।
- बिजली गिरने की घटनाएँ: भारत में हर साल औसतन 2,000 से अधिक मौतें होती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक होती हैं।
- हीट वेव: 2023 में उत्तर, पूरब और उत्तर-पश्चिम भारत में लंबे समय तक भीषण गर्मी का प्रभाव रहा।
- सांप काटने से मृत्यु: भारत में सांप काटने से मृत्यु की दर विश्व में सबसे अधिक मानी जाती है।