प्रयागराज में 40वीं इंदिरा मैराथन: धावकों का उमड़ा जोश और दमदार प्रदर्शन
प्रयागराज में आयोजित 40वीं इंदिरा मैराथन ने एक बार फिर अपने गौरवशाली इतिहास को दोहराया। देशभर से आए सैकड़ों धावकों ने 42.195 किलोमीटर की क्लासिक दूरी तय करते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यह वार्षिक आयोजन न केवल अनुभवी खिलाड़ियों का संगम रहा, बल्कि नवोदित धावकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना।
पुरुष वर्ग में उत्तराखंड के प्रदीप सिंह चौहान का जलवा
पुरुष वर्ग की मैराथन में उत्तराखंड के प्रदीप सिंह चौहान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान हासिल किया। प्रतापगढ़ के ज्ञान बाबू दूसरे स्थान पर रहे, जबकि मेजबान शहर प्रयागराज के रोहित सरोज ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। स्थानीय धावक के पोडियम पर आने से शहरवासियों में विशेष उत्साह देखने को मिला।
महिला वर्ग में हरियाणा की रेनू कुमारी ने मारी बाजी
महिला वर्ग में हरियाणा की रेनू कुमारी ने अपनी दृढ़ता और गति से जीत दर्ज की। महाराष्ट्र की मन्दन जाधव दूसरे और ज्योति शंकर तीसरे स्थान पर रहीं। इस वर्ग में प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी रही, जिसने महिला एथलेटिक्स में बढ़ते स्तर को प्रदर्शित किया।
मार्ग और आयोजन की विशेषताएँ
मैराथन की शुरुआत सुबह 6:30 बजे आनंद भवन से हुई और यह पारंपरिक शहर परिक्रमा मार्ग से गुजरते हुए रिवा रोड पर समाप्त हुई। प्रतिभागियों ने स्वराज भवन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, आर्मी रेड ईगल स्टेडियम, उच्च न्यायालय और ऑल सेंट्स कैथेड्रल जैसे प्रमुख स्थलों को पार किया। सभी प्रतिभागियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक टाइमिंग चिप का उपयोग किया गया जिससे परिणामों की सटीकता सुनिश्चित रही। इस आयोजन का संचालन राष्ट्रीय व राज्य खेल संस्थानों ने जिला प्रशासन के सहयोग से किया।
पुरस्कार वितरण और समारोह
विजेताओं को पुरुष और महिला दोनों वर्गों में 2 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई। पहले उपविजेता को 1 लाख और दूसरे उपविजेता को 75 हजार रुपये का पुरस्कार मिला। चौथे से चौदहवें स्थान तक पहुंचने वाले प्रतिभागियों को 10-10 हजार रुपये के सांत्वना पुरस्कार दिए गए। आयोजन का शुभारंभ मंडलायुक्त ने किया और समापन समारोह में वरिष्ठ खेल अधिकारियों की उपस्थिति रही, जिससे कार्यक्रम का महत्व और बढ़ गया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इंदिरा मैराथन का शुभारंभ वर्ष 1985 में हुआ था।
- यह मैराथन पूर्ण दूरी 42.195 किलोमीटर की होती है।
- पुरुष व महिला विजेताओं को 2 लाख रुपये का इनाम दिया जाता है।
- यह दौड़ परंपरागत रूप से प्रयागराज के आनंद भवन से शुरू होती है।
प्रयागराज की इंदिरा मैराथन आज भी देश की सबसे प्रतिष्ठित लंबी दूरी की दौड़ों में से एक मानी जाती है। इस बार का आयोजन न केवल खेल भावना का प्रतीक रहा बल्कि नए खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया, जो भविष्य में भारत की एथलेटिक्स को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।