प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) लांच की
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) लांच की।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का उद्देश्य पूरे भारत में माल की सुचारू आवाजाही को बढ़ावा देना और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारतीय सामानों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देना है।
- इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना है, जो बदले में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की दक्षता में सुधार करेगी, मूल्यवर्धन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।
- केंद्रीय बजट 2020 में पहली बार इस नीति की घोषणा की गई थी।
- इसके फोकस क्षेत्र में डिजिटल सिस्टम, यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म, लॉजिस्टिक्स की आसानी और सिस्टम इम्प्रूवमेंट ग्रुप का एकीकरण शामिल हैं।
भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र
भारत का लॉजिस्टिक्स क्षेत्र 22 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। यह क्षेत्र जटिल है, क्योंकि यह 20 से अधिक सरकारी एजेंसियों, 40 साझेदार सरकारी एजेंसियों, 37 निर्यात प्रोत्साहन परिषदों, 500 प्रमाणन आदि द्वारा नियंत्रित है। सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में भारत की वर्तमान लॉजिस्टिक्स लागत लगभग 13-14 प्रतिशत है। भारत सरकार इसे घटाकर सिंगल डिजिट करने की योजना बना रही है। इस क्षेत्र का वर्तमान बाजार आकार 160 बिलियन अमरीकी डालर है। इसका सुधार अप्रत्यक्ष लॉजिस्टिक्स लागत में 10 प्रतिशत की कमी सुनिश्चित कर सकता है और निर्यात की वृद्धि को 5 से 8 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।
Originally written on
September 19, 2022
and last modified on
September 19, 2022.