पोलैंड बनाएगा $2.2 बिलियन की एंटी-ड्रोन रक्षा प्रणाली: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सुरक्षा उपायों को मिली गति
रूस की सैन्य गतिविधियों और यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच, पोलैंड ने अपनी पूर्वी सीमा पर एक बहु-स्तरीय एंटी-ड्रोन रक्षा प्रणाली स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। इस $2.2 बिलियन की परियोजना का उद्देश्य हवाई खतरों से निपटना और देश की वायु सुरक्षा को मजबूत करना है, जो वर्तमान में यूरोप की एक प्रमुख भू-राजनीतिक चुनौती बन चुकी है।
बार-बार की ड्रोन घुसपैठ बनी कारण
इस निर्णय के पीछे मुख्य प्रेरणा हाल की घटनाएँ हैं, जिनमें रूस द्वारा भेजे गए संदिग्ध ड्रोन पोलिश हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं। इस वर्ष की शुरुआत में ऐसे कई ड्रोन देखे गए, जिसके चलते नाटो के लड़ाकू विमानों को उड़ान भरनी पड़ी और जमीन पर मलबे से नुकसान भी हुआ। पोलैंड इन घटनाओं को पारंपरिक युद्ध नहीं, बल्कि ‘हाइब्रिड युद्ध’ के तहत क्षेत्रीय सुरक्षा प्रणाली की परख के रूप में देखता है।
बहु-स्तरीय प्रणाली का चरणबद्ध कार्यान्वयन
पोलैंड के उप रक्षा मंत्री “सेज़ारी टॉम्चिक” ने स्पष्ट किया कि यह प्रणाली कोई एकल भौतिक दीवार नहीं होगी, बल्कि इसमें आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों और पारंपरिक हथियारों का मिश्रण होगा। इसमें ड्रोन जैमिंग तकनीकों के साथ मशीन गन, तोप और मिसाइल इकाइयाँ शामिल होंगी। इसके प्रारंभिक संचालन की क्षमता अगले छह महीनों में शुरू होने की संभावना है, जबकि पूर्ण कार्यान्वयन अगले 24 महीनों में अपेक्षित है।
रणनीतिक संदर्भ और सशर्त सक्रियता
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रणाली के कुछ हिस्सों को केवल चरम या युद्धकालीन परिस्थितियों में ही सक्रिय किया जाएगा। टॉम्चिक के अनुसार, जब तक यूक्रेन रूस का प्रतिरोध करता रहेगा, यूरोप को पारंपरिक युद्ध की संभावना कम है। हालांकि, उकसावे, तोड़फोड़ और असामान्य खतरों की आशंका बनी रहेगी, जिससे सतत सतर्कता की आवश्यकता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- एंटी-ड्रोन प्रणालियाँ इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग और पारंपरिक हथियारों दोनों का उपयोग करती हैं।
- हाइब्रिड युद्ध में साइबर हमला, तोड़फोड़ और UAV घुसपैठ शामिल होती है।
- नाटो एयर पुलिसिंग का कार्य सदस्य देशों के हवाई क्षेत्र उल्लंघन पर त्वरित प्रतिक्रिया देना है।
- यूरोपीय रक्षा परियोजनाएँ अब संयुक्त वित्तपोषण प्रणालियों पर अधिक निर्भर हैं।
फंडिंग और व्यापक रक्षा पहल
इस परियोजना की अधिकांश लागत यूरोपीय SAFE रक्षा ऋण कार्यक्रम के अंतर्गत साझा की जाएगी, जबकि शेष राशि पोलैंड के राष्ट्रीय रक्षा बजट से आएगी। यह एंटी-ड्रोन शील्ड, पोलैंड की दीर्घकालिक “Eastern Shield” रणनीति का भी हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रूस से उत्पन्न खतरों और यूक्रेन युद्ध से जुड़ी अस्थिरताओं के बीच सीमाई सुरक्षा और सैन्य तैयारियों को सुदृढ़ करना है।
पोलैंड की यह पहल न केवल यूरोप में हवाई खतरों से निपटने की रणनीति को दर्शाती है, बल्कि यह हाइब्रिड युद्ध की आधुनिक चुनौती को समझने और जवाब देने की दिशा में एक ठोस कदम भी है।