पेसिफिक रीच 2025: पनडुब्बी बचाव में भारतीय नौसेना ने दिखाया वैश्विक नेतृत्व

पेसिफिक रीच 2025: पनडुब्बी बचाव में भारतीय नौसेना ने दिखाया वैश्विक नेतृत्व

भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी बचाव अभियानों में अपनी अभूतपूर्व क्षमता का प्रदर्शन करते हुए सिंगापुर की मेज़बानी में आयोजित ‘एक्सरसाइज पेसिफिक रीच 2025’ (XPR-25) में महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की। यह बहुपक्षीय अभ्यास 15 से 25 सितंबर 2025 तक आयोजित हुआ, जिसमें भारत सहित 40 से अधिक देशों ने भाग लिया। इस दौरान भारतीय नौसेना की सबमरीन रेस्क्यू यूनिट (ईस्ट), आईएनएस निस्तार पर सवार होकर, कई अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

पहली बार भारतीय डीएसआरवी ने भारतीय महासागर क्षेत्र से बाहर किया गोता

भारतीय गहरे समुद्र में बचाव यान (Deep Submergence Rescue Vehicle – DSRV) “टाइगर एक्स” ने इस अभ्यास के दौरान तीन दिन लगातार विदेशी पनडुब्बियों के साथ सफल “मेटिंग” (जोड़ने की प्रक्रिया) को अंजाम दिया। इसमें रिपब्लिक ऑफ कोरिया नेवी की ‘शिन डोल-सेओक (S-082)’ और रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी की ‘आरएसएस इनविंसिबल’ शामिल रहीं। यह पहली बार था जब भारतीय डीएसआरवी ने भारतीय महासागर क्षेत्र से बाहर जाकर सफल गोता लगाया, जो भारत की वैश्विक बचाव क्षमता में एक ऐतिहासिक प्रगति है।

दो चरणों में हुआ अभ्यास: तकनीक और सहयोग का संगम

XPR-25 दो चरणों में संपन्न हुआ — पहला चरण सिंगापुर में तटीय अभ्यास के रूप में हुआ, जिसमें व्यावसायिक आदान-प्रदान और एक अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा संगोष्ठी शामिल थी। दूसरा चरण दक्षिण चीन सागर में हुआ, जिसमें जीवंत समुद्री बचाव अभ्यास किए गए। इस दौरान 25 सितंबर को पहली बार “तीन-संपत्ति बचाव अभ्यास” (R3) को अंजाम दिया गया, जिसमें विभिन्न देशों की तीन बचाव इकाइयों ने मिलकर संकटग्रस्त पनडुब्बी का सफल बचाव किया।

भारतीय नौसेना की भूमिका रही केंद्रीय

आईएनएस निस्तार ने संकटग्रस्त पनडुब्बी की पहचान और सर्वेक्षण किया, जिसके बाद भारत का रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) और डीएसआरवी तैनात किए गए। महज एक घंटे के भीतर सफल मेटिंग कर पनडुब्बी से सुरक्षित बचाव सुनिश्चित किया गया। यह प्रदर्शन भारत की तकनीकी दक्षता, त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता और अंतरराष्ट्रीय पनडुब्बी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • DSRV एक विशेष यान होता है जो गहरे समुद्र में फंसी पनडुब्बियों से नाविकों को बचाने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • आईएनएस निस्तार भारतीय नौसेना की सबमरीन रेस्क्यू यूनिट (ईस्ट) का प्रमुख पोत है।
  • पेसिफिक रीच एक्सरसाइज की शुरुआत वर्ष 2000 में हुई थी और यह हर दो-तीन वर्ष में आयोजित होती है।
  • R3 (त्रि-संपत्ति बचाव अभ्यास) पहली बार इस अभ्यास में 2025 में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
Originally written on October 4, 2025 and last modified on October 4, 2025.

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