पेरू और मेक्सिको के बीच राजनयिक संबंधों का टूटना: एक राजनीतिक संकट

पेरू और मेक्सिको के बीच राजनयिक संबंधों का टूटना: एक राजनीतिक संकट

पेरू और मेक्सिको के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनयिक तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब पेरू ने नवंबर 2025 में औपचारिक रूप से मेक्सिको के साथ अपने कूटनीतिक संबंध तोड़ दिए। यह निर्णय मेक्सिको द्वारा पूर्व पेरूवियन प्रधानमंत्री बेट्सी चावेज़ को शरण देने के बाद आया, जो 2022 के असफल तख्तापलट से जुड़ी राजद्रोह की गंभीर धाराओं का सामना कर रही हैं।

मेक्सिको की शरण नीति और कूटनीतिक संकट

पेरू के विदेश मंत्री ह्यूगो डे ज़ेला ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए मेक्सिको की कार्रवाई को “अमित्रतापूर्ण कदम” बताया। पेरू सरकार का आरोप है कि मेक्सिको ने बेट्सी चावेज़ को अपनी लीमा स्थित दूतावास में शरण देकर उसकी संप्रभुता का बार-बार उल्लंघन किया है। चावेज़ पर आरोप है कि उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति पेड्रो कास्टिलो के संसद को भंग करने और आपातकाल लागू करने के असफल प्रयास में साथ दिया।

बेट्सी चावेज़ पर लगे आरोप

बेट्सी चावेज़, जो पेड्रो कास्टिलो की सरकार में प्रधानमंत्री रहीं, पर आरोप है कि उन्होंने तख्तापलट के प्रयास में कास्टिलो का साथ दिया, ताकि वे महाभियोग से बच सकें और सत्ता पर एकाधिकार स्थापित कर सकें। सैन्य समर्थन के अभाव में यह प्रयास विफल हो गया, जिसके बाद कास्टिलो को गिरफ्तार कर लिया गया और संसद ने नई सरकार का गठन किया। अभियोजकों ने चावेज़ के खिलाफ राजद्रोह के तहत 25 साल तक की सजा की मांग की है।

कास्टिलो के अपदस्थ होने से उपजे तनाव

पेरू और मेक्सिको के संबंध पहले से ही तनावपूर्ण थे, खासकर 2022 में पेड्रो कास्टिलो के हटाए जाने के बाद। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाउम ने लगातार कास्टिलो के अपदस्थ किए जाने को “तख्तापलट” करार दिया है और उनकी रिहाई तथा निष्पक्ष सुनवाई की मांग की है। इसके अलावा, मेक्सिको ने पहले ही कास्टिलो के परिवार को शरण दी थी, जिससे पेरू की सरकार की नाराजगी और बढ़ गई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • पेरू ने नवंबर 2025 में बेट्सी चावेज़ को शरण देने के कारण मेक्सिको से अपने राजनयिक संबंध तोड़े।
  • बेट्सी चावेज़ पर 2022 में असफल तख्तापलट में शामिल होने के आरोप में राजद्रोह का मुकदमा चल रहा है।
  • मेक्सिको ने पहले भी पेड्रो कास्टिलो के परिवार को शरण दी थी।
  • पेरू का आरोप है कि 2022 से मेक्सिको उसके आंतरिक मामलों में बार-बार हस्तक्षेप कर रहा है।

क्षेत्रीय प्रभाव और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

यह राजनयिक टकराव लैटिन अमेरिका में बढ़ती वैचारिक दरार को भी उजागर करता है, जहाँ वामपंथी सरकारें, विशेष रूप से मेक्सिको, कास्टिलो और उनके समर्थकों का साथ देती रही हैं। पेरू ने इस मामले में सख्त रुख अपनाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी न्यायिक प्रक्रिया में विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा। इस तनाव को सुलझाने के लिए अब क्षेत्रीय संगठन जैसे अमेरिका की संगठन (OAS) पर मध्यस्थता का दबाव बढ़ सकता है, जिससे अन्य देशों के साथ पेरू के संबंधों में संतुलन बनाए रखा जा सके।

Originally written on November 5, 2025 and last modified on November 5, 2025.

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