पुराने डीजल वाहनों पर नितिन गडकरी का सख्त रुख: प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में निर्णायक कदम
ज़ी मीडिया ऑटो समिट 2025 के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना देश के स्वास्थ्य और ईंधन आयात भार को कम करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
पुराने वाहनों से बढ़ता प्रदूषण: तत्काल कार्रवाई की मांग
गडकरी ने विशेष रूप से पुराने डीजल वाहनों पर चिंता जताई और बताया कि एक पुराना ट्रक तीन आधुनिक ट्रकों के बराबर प्रदूषण करता है। उन्होंने 10–15 साल पुराने वाहनों को हटाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे आम जनता को स्वच्छ हवा और बेहतर जीवन गुणवत्ता मिल सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली-एनसीआर में लागू स्क्रैपेज नियम राज्य सरकार के अधीन आता है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर चिंता
गडकरी ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर इतना गंभीर हो चुका है कि वे स्वयं लंबे समय तक वहां रहना पसंद नहीं करते। उन्होंने इसे “जीवन को छोटा करने वाला” बताया और आम नागरिकों से आग्रह किया कि वे स्वच्छ गतिशीलता विकल्पों को अपनाएं, जिससे प्रदूषण स्तर को नियंत्रित किया जा सके।
इलेक्ट्रिक और CNG विकल्पों को बढ़ावा
गडकरी ने ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) को न केवल पर्यावरण के अनुकूल, बल्कि आर्थिक रूप से भी फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि एक इलेक्ट्रिक वाहन का मासिक संचालन खर्च डीजल वाहन की तुलना में काफी कम होता है।
इसके साथ ही उन्होंने CNG वाहनों को भी एक व्यावहारिक विकल्प बताया, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां CNG अवसंरचना पहले से मौजूद है। इससे ना केवल ईंधन खर्च घटता है बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी आती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- नितिन गडकरी ने ऑटो समिट 2025 में 10–15 वर्ष पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर जोर दिया।
- उन्होंने बताया कि एक पुराना ट्रक तीन आधुनिक ट्रकों के बराबर प्रदूषण करता है।
- ईवी और CNG जैसे विकल्पों को अधिक अपनाने की सिफारिश की गई।
- सरकार फ्लेक्स-इंजन वाहनों को बढ़ावा दे रही है, जो एथेनॉल से चल सकते हैं।
फ्लेक्स-इंजन और एथेनॉल: भविष्य की ईंधन नीति
गडकरी ने यह भी बताया कि भारत अब फ्लेक्स-इंजन वाहनों की ओर बढ़ रहा है, जो एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन पर चल सकते हैं। एथेनॉल को एक सस्ता, स्वदेशी और कम प्रदूषण वाला ईंधन बताते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचाता है बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके साथ ही इथेनॉल से बना आइसोब्यूटानॉल डीजल के लिए एक व्यवहारिक विकल्प के रूप में विकसित किया जा रहा है।
इस प्रकार, गडकरी का यह वक्तव्य भारत को स्वच्छ और आत्मनिर्भर परिवहन प्रणाली की ओर ले जाने की रणनीतिक दिशा का संकेत देता है।