पुनर्जनन क्षमता वाले नए प्रजाति के प्लैनरियन की पुणे के पाषाण झील में खोज

पुनर्जनन क्षमता वाले नए प्रजाति के प्लैनरियन की पुणे के पाषाण झील में खोज

पश्चिमी भारत के पुणे शहर स्थित पाषाण झील में वैज्ञानिकों ने एक नई प्रजाति के प्लैनरियन की खोज की है, जिसे ‘डुगेसिया पुणेन्सिस’ नाम दिया गया है। यह नाम इसके खोज स्थान पुणे के नाम पर रखा गया है। यह खोज भारत में प्लैनरियन की नई प्रजाति की 1983 के बाद पहली रिपोर्ट है, जो इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है। यह फ्लैटवर्म अपनी असाधारण पुनर्जनन क्षमता के लिए जाना जाता है, जिससे यह जैव विविधता और संरक्षण के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देता है।

डुगेसिया पुणेन्सिस की विशेषताएं

इस नई प्रजाति की खोज सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के मॉडर्न कॉलेज की पीएचडी छात्रा मिथिला चिनचालकर और उनके मार्गदर्शक डॉ. रविंद्र क्षीरसागर ने की। यह वर्म अपनी अनूठी शारीरिक बनावट और पुनर्जनन क्षमता के लिए जाना जा रहा है। इसका शरीर 8 से 12 मिमी लंबा होता है, जिसकी पीठ की सतह पर गहरे भूरे रंग के धब्बे होते हैं जबकि निचली सतह पीली होती है। इसके अंडे गोल और लाल रंग के होते हैं तथा इसके दो स्पष्ट काले नेत्र होते हैं जो ऑरिकुलर ग्रूव्स के अंदर स्थित होते हैं।

अनुसंधान की वैज्ञानिक पद्धति

इस शोध में वैज्ञानिकों ने प्लैनरियन की नई प्रजाति के नमूनों को पाषाण झील से एकत्र किया और उन्हें प्रयोगशाला में पाला-पोसा। इसके बाद इन नमूनों का अध्ययन शारीरिक और आणविक जातिवृत्तीय पद्धतियों के माध्यम से किया गया। इस अध्ययन ने डुगेसिया की वर्गिकी (taxonomy) और वंशावली (phylogeny) में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है, साथ ही पाषाण झील के पारिस्थितिकीय महत्त्व को भी रेखांकित किया है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • डुगेसिया पुणेन्सिस 1983 के बाद भारत में खोजी गई पहली नई प्लैनरियन प्रजाति है।
  • प्लैनरियन वर्म्स अपनी अद्भुत पुनर्जनन क्षमता के लिए प्रसिद्ध होते हैं – एक छोटा टुकड़ा भी पूरा जीव पुनर्निर्मित कर सकता है।
  • पाषाण झील पश्चिमी घाट जैव विविधता हॉटस्पॉट का हिस्सा है, जो अद्वितीय वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है।
  • यह वर्म चिकन लिवर खाता है और 15-20 दिनों तक भूखा रहने के बावजूद 10-13 दिनों में पूरी तरह पुनर्जनित हो सकता है।

यह खोज केवल एक नई प्रजाति की पहचान नहीं है, बल्कि यह हमें पाषाण झील जैसे प्राकृतिक जलस्रोतों की पारिस्थितिकीय महत्ता और जैव विविधता को संरक्षित करने की आवश्यकता का भी एहसास कराती है। डुगेसिया पुणेन्सिस की विशेषताएं और अध्ययन की वैज्ञानिक पद्धतियाँ भविष्य में अनुसंधान और संरक्षण के नए द्वार खोल सकती हैं।

Originally written on June 10, 2025 and last modified on June 10, 2025.

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