पी. वी. सिंधु बनीं बैडमिंटन विश्व महासंघ की एथलीट्स कमीशन चेयर: वैश्विक खेल नेतृत्व में भारत की बड़ी उपस्थिति
भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पी. वी. सिंधु को 2026 से 2029 तक के कार्यकाल के लिए “बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF)” की एथलीट्स कमीशन की चेयर नियुक्त किया गया है। यह न केवल उनके करियर में एक नया मुकाम है, बल्कि वैश्विक बैडमिंटन प्रशासन में खिलाड़ियों की सीधी भागीदारी को भी मजबूत करता है।
वैश्विक बैडमिंटन शासन में भूमिका
एथलीट्स कमीशन की चेयर के रूप में सिंधु अब BWF काउंसिल की सदस्य भी होंगी, जिससे उन्हें नीति निर्माण और रणनीतिक निर्णयों में खिलाड़ियों की आवाज़ रखने का अधिकार मिलेगा। यह भूमिका खिलाड़ियों और प्रशासकों के बीच सेतु का कार्य करती है और खेल शासन में पारदर्शिता तथा समावेशिता को प्रोत्साहित करती है।
पूर्व नेतृत्व को सम्मान
सिंधु ने अपने चयन के लिए अन्य खिलाड़ियों का आभार व्यक्त किया और पूर्व चेयर ग्रेसिया पोली के योगदान को भी सराहा। पोली ने 2021 से 2025 तक दो कार्यकाल तक कमीशन का नेतृत्व किया और टोक्यो 2020 ओलंपिक में महिला युगल में स्वर्ण पदक जीतने के बाद 2022 में प्रतिस्पर्धी बैडमिंटन से संन्यास लिया था।
सिंधु का अनुभव और प्रतिबद्धता
सिंधु 2017 से एथलीट्स कमीशन से जुड़ी हुई हैं और 2020 से BWF की इंटीग्रिटी एंबेसडर भी हैं। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए स्थायी और सार्थक बदलाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है। वैश्विक बैडमिंटन समुदाय में उनकी गहरी समझ और सम्मानजनक उपस्थिति उन्हें इस भूमिका के लिए एक उपयुक्त नेता बनाती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- BWF (बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन) बैडमिंटन का वैश्विक संचालन निकाय है।
- एथलीट्स कमीशन खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिए कार्य करती है।
- पी. वी. सिंधु ने 2016 ओलंपिक में रजत और 2020 ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है।
- इंटीग्रिटी एंबेसडर खेलों में नैतिकता और निष्पक्षता को बढ़ावा देते हैं।
कमीशन की संरचना और आगामी कार्यक्रम
नीदरलैंड्स की डेबोरा जिल को डिप्टी चेयर नियुक्त किया गया है। अन्य सदस्यों में कोरियाई ओलंपिक चैंपियन एन से-यंग, मिस्र की दोहा हनी और चीन की जिया यिफान शामिल हैं। पैरा-बैडमिंटन में हांगकांग के चान हो यूएन डेनियल पूर्णकालिक चेयर होंगे और भारत के अबू हुबैदा भी इस पैनल का हिस्सा होंगे।
पी. वी. सिंधु का अगला लक्ष्य 2026 में चीन के क़िंगदाओ में होने वाली बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में भारतीय टीम का नेतृत्व करना है। यह नई भूमिका उन्हें न केवल प्रशासनिक मंच पर सशक्त बनाएगी, बल्कि भारतीय खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति को भी मजबूत करेगी।