पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: सौर ऊर्जा से सशक्त होते भारतीय घर

भारत सरकार की “पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” (PMSGMBY) ने स्वच्छ और किफायती ऊर्जा उपलब्ध कराने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। सितंबर 2025 तक, जन समर्थ पोर्टल के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने 5.79 लाख से अधिक ऋण आवेदनों को स्वीकृति दी है, जिनकी कुल राशि ₹10,907 करोड़ है। यह सफलता भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने और घरेलू ऊर्जा लागत को कम करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
ऋण प्रणाली और डिजिटल प्रक्रिया की विशेषताएँ
योजना के तहत घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम की स्थापना को आसान बनाने के लिए क्रेडिट डिलीवरी प्रणाली को सुगम बनाया गया है। पात्र लाभार्थियों को निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएं मिल रही हैं:
- ₹2 लाख तक का ऋण बिना किसी गारंटी के
- प्रतिस्पर्धात्मक ब्याज दरों पर ऋण
- बिजली बचत के अनुरूप लंबी पुनर्भुगतान अवधि
- ऋण वितरण के बाद 6 महीने की मोराटोरियम अवधि
- न्यूनतम अंशदान और डिजिटल स्वीकृति प्रक्रिया
जन समर्थ पोर्टल और राष्ट्रीय पोर्टल (pmsuryaghar.gov.in) के एकीकरण से आवेदन की पूरी प्रक्रिया डिजिटल, पारदर्शी और सुगम बन गई है। यह प्रणाली लाभार्थियों को डेटा-आधारित निर्णयों के साथ बेहतर अनुभव प्रदान करती है।
पहुंच और पात्रता का विस्तार
सरकार और बैंकों ने योजना की पहुँच बढ़ाने और अधिक लोगों को जोड़ने के लिए कई सुधार लागू किए हैं:
- सह-आवेदकों को शामिल करना, जिससे अधिक परिवार योजना का लाभ उठा सकें
- क्षमता आधारित प्रतिबंधों को हटाना
- दस्तावेजों की आवश्यकता को सरल बनाना
इन परिवर्तनों को उपयोगकर्ताओं से प्राप्त फीडबैक के आधार पर लागू किया गया है, जिससे योजना और अधिक समावेशी और उपयोगकर्ता-केंद्रित बन गई है।
योजनाओं की निगरानी और सहयोगात्मक क्रियान्वयन
वित्तीय सेवा विभाग और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय मिलकर योजना की प्रगति की नियमित निगरानी करते हैं। राज्य स्तरीय बैंकर समिति (SLBC) और जिला स्तरीय अग्रणी बैंकों के साथ समन्वय से योजना को धरातल पर तेजी से लागू किया जा रहा है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- सितंबर 2025 तक ₹10,907 करोड़ के 5.79 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं।
- योजना के तहत ₹2 लाख तक का ऋण बिना गारंटी के उपलब्ध है।
- आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और जन समर्थ पोर्टल के माध्यम से संचालित है।
- 6 महीने की मोराटोरियम अवधि और लंबी पुनर्भुगतान अवधि की सुविधा दी गई है।
स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में यह योजना केवल पर्यावरण-संवेदनशील नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से