पीएम-जनमान योजना: भारत के सबसे वंचित जनजातीय समूहों के लिए समग्र विकास की दिशा में कदम

भारत सरकार द्वारा 29 नवम्बर को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा स्वीकृत ‘प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान’ (PM JANMAN) देश के अत्यंत पिछड़े जनजातीय समुदायों यानी PVTG (Particularly Vulnerable Tribal Groups) के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। इस योजना का उद्देश्य इन समूहों को मूलभूत सुविधाएं जैसे सुरक्षित आवास, स्वच्छ जल, स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी तथा आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना है।

कौन हैं PVTG?

PVTG की अवधारणा 1960-61 में ढेबर आयोग की सिफारिशों पर आधारित है। वर्ष 2006 में इन समुदायों को ‘प्रिमिटिव ट्राइबल ग्रुप्स’ से ‘PVTG’ नाम दिया गया। भारत में वर्तमान में 75 PVTG समूह हैं, जो 18 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में फैले हैं। इनकी कुल जनसंख्या लगभग 28 लाख है। ये समूह अत्यंत सीमित संसाधनों, पारंपरिक जीवनशैली और निम्न साक्षरता दर जैसे लक्षणों के कारण बेहद संवेदनशील माने जाते हैं।

विकास में प्रमुख चुनौतियां

PVTG समुदाय भौगोलिक और सामाजिक रूप से अलग-अलग होते हैं। उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और आजीविका की बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पातीं। साथ ही, उन्हें भूमि अधिकार, बाज़ार जानकारी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में भी वंचना झेलनी पड़ती है। मध्यस्थों द्वारा उनका शोषण और पारंपरिक आजीविका का संकट इनकी स्थिति को और जटिल बनाता है।

क्या है PM-JANMAN की विशेषता?

इस योजना को 2022-23 के बजट में घोषित ‘प्रधानमंत्री-PVTG विकास मिशन’ के हिस्से के रूप में ₹15,000 करोड़ की राशि के साथ लागू किया गया है।

  • सटीक पहचान और सर्वेक्षण: सरकार ने सभी PVTG समुदायों का व्यापक बेसलाइन सर्वेक्षण और ‘ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स’ बनाने का निर्णय लिया है ताकि योजनाएं सही समूहों तक पहुंचे।
  • भागीदारी आधारित दृष्टिकोण: योजना में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की गई है, जिससे योजनाएं उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं के अनुसार बन सकें।
  • स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा: मोबाइल हेल्थ यूनिट्स, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील स्वास्थ्य सेवाएं, स्थानीय भाषा में शिक्षा और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण इस योजना का हिस्सा हैं।
  • आजीविका संवर्धन: पारंपरिक शिल्प, कृषि और वनोपज आधारित आजीविका को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, क्रेडिट और भूमि अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: इन समुदायों के गांवों को सामान्य योजनाओं की शर्तों से छूट दी गई है, ताकि सड़क, आवास, जल, बिजली जैसी सुविधाएं प्रभावी रूप से उन तक पहुंच सकें।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत में 75 PVTG समूह हैं, जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 28 लाख है।
  • इनका पहला औपचारिक उल्लेख 1960-61 में ढेबर आयोग द्वारा हुआ था।
  • 2022-23 के केंद्रीय बजट में PVTG के लिए ₹15,000 करोड़ का आवंटन किया गया है।
  • Forest Rights Act की धारा 3(1)(e) में PVTG के अधिकारों का विशेष उल्लेख है।

PM-JANMAN एक समावेशी, भागीदारीपूर्ण और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील पहल है जो भारत के सबसे वंचित समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया गया, तो यह सामाजिक न्याय, आजीविका और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव ला सकता है।

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