पीएमएफएमई योजना 2025: सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के सशक्तिकरण की दिशा में प्रगति

पीएमएफएमई योजना 2025: सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के सशक्तिकरण की दिशा में प्रगति

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकरण (PMFME) योजना ने 31 अक्टूबर 2025 तक कई घटकों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की सूक्ष्म इकाइयों को सशक्त बनाना, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना, औपचारिकरण को प्रोत्साहित करना और बाजार के अवसरों का विस्तार करना है।

पीएमएफएमई योजना के प्रमुख उपलब्धियां

योजना के क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी घटक के तहत अब तक कुल 1,62,744 ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जो वित्तीय सहायता की मजबूत मांग को दर्शाते हैं। इसके अतिरिक्त, 3,65,935 स्व-सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को बीज पूंजी (सीड कैपिटल) की स्वीकृति दी गई है। योजना के अंतर्गत 101 सामान्य अवसंरचना सुविधाओं के प्रस्ताव स्वीकृत किए गए हैं, जबकि 76 इनक्यूबेशन केंद्रों को उद्यम विकास को बढ़ावा देने के लिए मंजूरी दी गई है।

ब्रांडिंग, विपणन और अवसंरचना सहयोग

ब्रांडिंग एवं विपणन घटक के तहत 27 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है ताकि सूक्ष्म उद्यम अपने उत्पादों की दृश्यता बढ़ा सकें और व्यापक बाजार तक पहुंच बना सकें। इन पहलों से असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा तथा छोटे उद्यमों को तकनीकी प्रशिक्षण और साझा अवसंरचना का लाभ मिलेगा।

केंद्र की वित्तीय सहायता और राज्यों को आवंटन

पिछले पांच वित्तीय वर्षों में पीएमएफएमई योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा सहायता राशि में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2020–21 में ₹367.61 करोड़, 2021–22 में ₹297.44 करोड़, 2022–23 में ₹268.52 करोड़, 2023–24 में ₹765.30 करोड़ और 2024–25 में ₹1142.56 करोड़ की राशि जारी की गई। यह बढ़ता हुआ आवंटन देशभर में योजना के विस्तार पर केंद्र की प्राथमिकता को दर्शाता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • स्वीकृत ऋण: 1,62,744 (क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी के तहत)
  • बीज पूंजी स्वीकृति: 3,65,935 एसएचजी सदस्य
  • इनक्यूबेशन केंद्र: 76
  • सामान्य अवसंरचना प्रस्ताव: 101
  • केंद्र द्वारा 2024–25 में जारी राशि: ₹1142.56 करोड़

जागरूकता और क्षमता निर्माण पहल

योजना की पहुंच बढ़ाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया है। इसमें रेडियो अभियानों, प्रदर्शनियों, खरीदार-विक्रेता मेलों और जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन शामिल है। योजना के तहत तकनीकी उन्नयन, प्रशिक्षण और बाजार से जुड़ाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे विशेष रूप से महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों को सशक्त बनाया जा सके।

Originally written on December 8, 2025 and last modified on December 8, 2025.

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