पिरामल समूह करेगा डीएचएफएल का अधिग्रहण

भारतीय रिजर्व बैंक ने 18 फरवरी, 2021 को पिरामल ग्रुप द्वारा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।

मुख्य बिंदु

  • डीएचएफएल के लेनदारों की एक समिति ने पिरामल की बोली के पक्ष में मतदान किया था, उसके एक महीने के बाद आरबीआई ने यह निर्णय लिया है।
  • इस बोली को 94 फीसदी वोट मिले।
  • इसके बाद, कंपनी के रिज़ॉल्यूशन प्लान को RBI द्वारा अनुमोदित किया गया है।
  • अब, पि रामल समूह को डीएचएफएल का अधिग्रहण के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की अनुमति लेनी होगी।
  • पिरामल समूह के अलावा, ऋण-ग्रस्त एनबीएफसी के लिए एक और प्रमुख दावेदार अमेरिका स्थित ओकट्री कैपिटल था।
  • ओकट्री कैपिटल ने उधारदाताओं से 45 फीसदी वोट हासिल किए थे।
  • पिरामल ग्रुप ने 37,250 करोड़ रुपये की पेशकश की है जबकि ओकट्री ने 38,400 करोड़ रुपये की पेशकश की है।
  • लेकिन, पिरामल समूह ने उच्च अग्रिम नकद भुगतान की पेशकश की थी।इस प्रकार, कंपनी बोली जीत गई।

दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL)

यह डिपॉजिट लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। इस कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। अर्ध-शहरी और ग्रामीण भारत में निम्न और मध्यम आय वर्ग के लिए किफायती आवास वित्त तक पहुंच को सक्षम करने के लिए इसकी स्थापना की गई थी। यह कंपनी भारत की दूसरी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है।

मामला क्या है?

  • डीएचएफएल ने 2019 में बॉन्ड के भुगतान को रोक दिया था और इसने अपने ऋण दायित्वों पर भी डिफ़ॉल्ट किया था।इसका कारण, कंपनी का स्टॉक 97% से अधिक गिर गया। इस प्रकार, सरकार ने कंपनी में हस्तक्षेप किया।
  • इसके बाद एक रेजोल्यूशन प्लान बनाया गया।
  • लेकिन, 2019 में ही, प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी पर छापा मारा और निकटवर्ती फर्मों को दिए गए ऋण के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधि के लिंक पाए गए।
  • इसके बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने निदेशक मंडल को कंपनी में अपर्याप्त शासन का आरोप लगाते हुए हटा दिया।
  • अब यह कंपनी दिवालिया हो चुकी है।
Originally written on February 19, 2021 and last modified on February 19, 2021.

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