पिछले दो दशकों में एंटीबायोटिक की खपत 46% बढ़ी : अध्ययन:
ग्लोबल रिसर्च ऑन एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस (GRAM) प्रोजेक्ट ने लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में एक अध्ययन प्रकाशित किया। इस अध्ययन के अनुसार, पिछले दो दशकों में वैश्विक एंटीबायोटिक खपत दर में 46% की वृद्धि हुई है।
मुख्य बिंदु
- सांख्यिकीय मॉडलिंग तकनीकों को लागू करके GRAM ने एक नवीन दृष्टिकोण का उपयोग किया।
- इसमें कम आय और मध्यम आय वाले देशों में बड़े पैमाने पर घरेलू सर्वेक्षण, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से एंटीबायोटिक खपत डेटा और दवा बिक्री डेटा जैसे कई डेटा स्रोत और प्रकार शामिल हैं।
- GRAM ने यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ECDC) से भी डेटा इकट्ठा किया।
अध्ययन के निष्कर्ष
- देश भर में कुल एंटीबायोटिक खपत दरों में भिन्नता, प्रति दिन प्रति 1000 जनसंख्या पर 5 DDD से 45.9 DDD तक है।
- 2000-2018 के बीच, वैश्विक एंटीबायोटिक खपत दर में 46% की वृद्धि हुई, जो प्रति दिन प्रति 1000 जनसंख्या पर 9.8 से बढ़कर 14.3 DDD हो गई।
- निम्न-आय और मध्यम-आय वाले देशों में, एंटीबायोटिक खपत दर में 76% की वृद्धि हुई, जो 7.4 से बढ़कर 13.1 DDD प्रति 1000 प्रति दिन हो गई।
- हालांकि, उच्च आय वाले देशों में, खपत दर स्थिर थी।
- दक्षिण एशिया में एंटीबायोटिक खपत दर में 116% की वृद्धि हुई।
- दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि (111%) उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व क्षेत्र में देखी गई।
Originally written on
November 18, 2021
and last modified on
November 18, 2021.