पाटेश्वरस्वामी मंदिर, तमिलनाडु

पाटेश्वरस्वामी मंदिर, तमिलनाडु

पाटेश्वरस्वामी मंदिर वास्तुकला और मूर्तिकला के मामले में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। शिव को समर्पित, यह एक महान धार्मिक महत्व का मंदिर है।

पुरातनता: मंदिर पहली शताब्दी ईसा पूर्व का है। अंतरतम मंदिर का निर्माण करिकाल चोल द्वारा किया गया था। 13 वीं शताब्दी में 11 वीं शताब्दी के चोल राजाओं ने इस मंदिर को कई बंदोबस्त किए। होयसाल और विजयनगर सम्राटों ने भी इसके विकास में योगदान दिया।

वास्तुकला: इस मंदिर में अलंकृत स्तंभों के साथ कई मीनारें और मंडपम हैं। नटराज की सुनहरी छवि वाला गोल्डन हॉल – यहाँ का लौकिक नर्तक अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। दस स्तंभों में शिव के विभिन्न रूप हैं जो उन पर उकेरे गए हैं। छत में पत्थर की जंजीरों की एक श्रृंखला है।

यहाँ के अन्य मंदिरों में गणेश को समर्पित पट्टिविन्यकर मंदिर, शिव को समर्पित अरासम्बलवनार मंदिर शामिल है, यह उस स्थान पर स्थित है जहाँ शिव ने एक पीपल के पेड़ के नीचे नृत्य किया था। उत्तर और दक्षिण कैलाशम मंदिर मंदिर की दो दिशाओं की रक्षा करते हैं।

मंदिर से जुड़े पवित्र पेड़ हैं – पाम और इमली के पेड़ को इरावा पनाई (द डेथलेस पाम) और पीरवा पुली (अजन्मे इमली) कहा जाता है।

Originally written on April 17, 2019 and last modified on April 17, 2019.

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