पाकिस्तान ने ब्रिक्स विकास बैंक की सदस्यता के लिए चीन से मांगा समर्थन

पाकिस्तान ने ब्रिक्स विकास बैंक की सदस्यता के लिए चीन से मांगा समर्थन

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने ब्रिक्स समूह द्वारा स्थापित न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की सदस्यता पाने के लिए अपने करीबी सहयोगी चीन से समर्थन मांगा है। पाकिस्तान ने यह पहल ऐसे समय पर की है जब वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक जैसे पश्चिमी वित्तीय संस्थानों की कठोर शर्तों से राहत चाहता है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगज़ेब ने वॉशिंगटन में चीन के उप वित्त मंत्री लियाओ मिन से मुलाकात कर इस संबंध में औपचारिक आग्रह किया। इस बैठक की जानकारी पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया चैनल जियो टीवी ने दी।

न्यू डेवलपमेंट बैंक: एक वैकल्पिक वित्तीय मंच

न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना वर्ष 2015 में ब्रिक्स देशों — ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका — द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे और सतत विकास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देना है। यह बैंक शंघाई, चीन में स्थित है और इसकी स्वीकृत पूंजी $100 अरब है। भारत के केवी कामथ इसके पहले अध्यक्ष थे।
2024 में ब्रिक्स समूह में विस्तार हुआ, और सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और इथियोपिया जैसे देश नए सदस्य बने। इससे समूह की वैश्विक भूमिका और प्रभाव में वृद्धि हुई है।

पाकिस्तान की रणनीतिक जरूरतें

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वर्तमान में गंभीर दबाव में है। विदेशी मुद्रा भंडार की कमी, महंगाई, और ऋण चुकाने में कठिनाइयों के बीच पाकिस्तान पश्चिमी वित्तीय संस्थानों की कठोर शर्तों से बचने के लिए वैकल्पिक साधनों की तलाश में है।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, “औरंगज़ेब ने चीन से पाकिस्तान की NDB सदस्यता के लिए समर्थन मांगा और साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, उद्योग और खनिज जैसे क्षेत्रों में चीनी निवेश का स्वागत किया।”
पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने फरवरी में आधिकारिक रूप से NDB की सदस्यता को मंजूरी दे दी थी, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि इस दिशा में प्रयास पहले से चल रहे हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ब्रिक्स (BRICS) की स्थापना 2009 में हुई थी, जिसमें मूल रूप से ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन शामिल थे; दक्षिण अफ्रीका 2010 में जुड़ा।
  • न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना 2015 में ब्रिक्स देशों द्वारा की गई थी, इसका मुख्यालय शंघाई में है।
  • NDB की स्वीकृत पूंजी $100 अरब है और इसका उद्देश्य विकासशील देशों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्त देना है।
  • 2024 में ब्रिक्स का विस्तार हुआ और इसमें सऊदी अरब, ईरान, यूएई, मिस्र और इथियोपिया जैसे देश शामिल हुए।

पाकिस्तान की इस नई पहल से स्पष्ट है कि वह अपनी अर्थव्यवस्था को बहुपक्षीय समर्थन के जरिए सुदृढ़ करना चाहता है, विशेष रूप से ऐसे संस्थानों से जो पश्चिमी प्रभाव से स्वतंत्र हों। यदि चीन का समर्थन प्राप्त होता है,

Originally written on October 20, 2025 and last modified on October 20, 2025.

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