पाकिस्तान को अमेरिका से मिलेगा AMRAAM मिसाइल सिस्टम: रक्षा सहयोग में नया अध्याय

पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में एक नया मोड़ आया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की वॉशिंगटन यात्रा के एक सप्ताह बाद, अमेरिका ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि वह पाकिस्तान को एडवांस्ड एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम AIM-120 AMRAAM की आपूर्ति करेगा। यह सौदा राएथियॉन (Raytheon) के साथ पहले से चल रहे अनुबंध में बदलाव के तहत किया गया है।
क्या है AIM-120 AMRAAM मिसाइल?
AIM-120 AMRAAM (Advanced Medium-Range Air-to-Air Missile) दुनिया की सबसे प्रमुख “बियॉन्ड विज़ुअल रेंज” (BVR) हवाई युद्ध मिसाइलों में से एक है। इसे 1991 में अमेरिकी वायुसेना द्वारा सेवा में लाया गया था। इसकी प्रमुख विशेषता इसका “फायर-एंड-फॉरगेट” मोड है, जिसमें पायलट को लगातार लक्ष्य को ट्रैक करने की आवश्यकता नहीं होती।मिसाइल खुद अपने लक्ष्य की रडार द्वारा पहचान करके उस पर हमला करती है, जिससे इसे लंबी दूरी से छोड़ा जा सकता है।
नवीनतम संस्करण C8 और D3 में अधिक रेंज, सटीकता और इलेक्ट्रॉनिक जामिंग के प्रति प्रतिरोध क्षमता है। यह मिसाइल लगभग Mach 4 (ध्वनि की गति से चार गुना) की रफ्तार से उड़ान भर सकती है और हर मौसम में काम करने में सक्षम है।
पाकिस्तान को क्या मिलेगा?
- अमेरिका ने अपने रक्षा अनुबंध में पाकिस्तान को शामिल करते हुए $41.6 मिलियन की अतिरिक्त राशि राएथियॉन को दी है।
- यह राशि अब कुल $2.51 अरब डॉलर के कार्यक्रम का हिस्सा है।
- सभी कार्य मई 2030 तक पूरे होने की उम्मीद है।
- ये मिसाइलें पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों के लिए उपयुक्त हैं, जो पहले से ही अमेरिका द्वारा आपूर्ति किए गए हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- AIM-120 AMRAAM का उपयोग 40 से अधिक देशों द्वारा किया जाता है, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और अब पाकिस्तान शामिल हैं।
- भारत के पास AMRAAM नहीं है, परंतु DRDO द्वारा विकसित अस्त्र (Astra) मिसाइल इसका स्वदेशी विकल्प है।
- अस्त्र की मारक क्षमता लगभग 80-110 किलोमीटर है और यह भी “फायर-एंड-फॉरगेट” तकनीक का उपयोग करती है।
- 2022 में अमेरिका ने पाकिस्तान के F-16 बेड़े के रखरखाव के लिए $450 मिलियन की सहायता को मंजूरी दी थी।