पहली राष्ट्रीय घरेलू आय सर्वेक्षण की तैयारी: 2026 से शुरू होगी महत्त्वपूर्ण कवायद
भारत सरकार का सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) वर्ष 2026 से देश का पहला अखिल भारतीय “राष्ट्रीय घरेलू आय सर्वेक्षण” (National Household Income Survey – NHIS) शुरू करने जा रहा है। इसे अब तक का सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण सर्वेक्षण माना जा रहा है, जिसकी सफलता आम जनता में विश्वास निर्माण और जागरूकता बढ़ाने पर निर्भर करेगी। यह जानकारी MoSPI के सचिव सौरभ गर्ग ने दी।
आय सर्वेक्षण: क्यों है इतना कठिन?
MoSPI के अनुसार, विश्व स्तर पर आय सर्वेक्षण सबसे कठिन माने जाते हैं। भारत में भी पूर्व में तीन बार इस दिशा में प्रयास हुए, लेकिन विश्वसनीय डेटा न मिल पाने के कारण ये प्रयास पूरे देश में लागू नहीं हो सके।
लोग अपनी आय, खासकर विभिन्न स्रोतों से होने वाली आय और आयकर से जुड़ी जानकारी साझा करने में हिचकिचाते हैं। यही कारण है कि 1950 के दशक से अब तक कई बार आय संग्रहण के प्रयास हुए, परंतु सर्वे में दर्ज आय अक्सर खपत और बचत के कुल योग से भी कम पाई गई, जिससे इन प्रयासों को रोका गया।
NHIS: 2026 में आरंभ, 2027 में परिणाम अपेक्षित
राष्ट्रीय घरेलू आय सर्वेक्षण फरवरी 2026 में शुरू किया जाएगा और इसके परिणाम 2027 के मध्य तक आने की संभावना है। हाल ही में किए गए प्री-टेस्ट में सामने आया कि:
- 95% उत्तरदाताओं ने आय की जानकारी को “संवेदनशील” बताया।
- 95% लोग विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय साझा करने में असहज थे।
- अधिकांश ने आयकर भुगतान से जुड़े सवालों का उत्तर देने से मना कर दिया।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि सर्वे की सफलता के लिए गोपनीयता का भरोसा दिलाना और जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी होगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- NHIS की शुरुआत फरवरी 2026 में होगी और परिणाम 2027 के मध्य तक आने की उम्मीद है।
- 95% लोगों ने अपनी आय साझा करने में असहजता जताई (प्री-टेस्ट रिपोर्ट)।
- MoSPI के तहत Surjit S Bhalla की अध्यक्षता में एक तकनीकी विशेषज्ञ समूह (TEG) गठित किया गया है।
- MoSPI पहले 2017-18 के उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (Consumer Expenditure Survey) के परिणाम डेटा गुणवत्ता के मुद्दों के कारण प्रकाशित नहीं कर पाया था।
- भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 2024-25 में ₹2.31 लाख रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.7% अधिक है।
विशेषज्ञों की देखरेख में निर्णय
MoSPI ने स्पष्ट किया है कि NHIS के परिणामों को किस रूप में जारी किया जाएगा, इसका निर्णय विशेषज्ञ समिति करेगी। यह देखा जाएगा कि सर्वे नियमित हो, पायलट हो, या प्रयोगात्मक — यह सब विशेषज्ञों की सिफारिश पर निर्भर करेगा। मंत्रालय का उद्देश्य है कि डेटा की विश्वसनीयता पर कोई प्रश्नचिन्ह न लगे।