पहली बार GI टैग प्राप्त ‘इंडी लाइम’ और ‘पुलियानकुडी लाइम’ का ब्रिटेन को निर्यात

पहली बार GI टैग प्राप्त ‘इंडी लाइम’ और ‘पुलियानकुडी लाइम’ का ब्रिटेन को निर्यात

28 अक्टूबर 2025 को भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने पहली बार कर्नाटक के विजयपुरा से GI टैग प्राप्त 350 किलोग्राम ‘इंडी लाइम’ और तमिलनाडु के तेनकासी से 150 किलोग्राम ‘पुलियानकुडी लाइम’ को वायु मार्ग से यूनाइटेड किंगडम भेजने की पहल की। कुल 500 किलोग्राम का यह निर्यात भारत के भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त बागवानी उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

GI टैग प्राप्त उत्पादों का वैश्विक मंच पर विस्तार

इस निर्यात के अवसर पर कर्नाटक और तमिलनाडु के बागवानी विभाग, कर्नाटक लाइम बोर्ड और कृषि उत्पादन आयुक्त सहित कई राज्य व केंद्रीय अधिकारी उपस्थित रहे। APEDA के अध्यक्ष श्री अभिषेक देव ने इस खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और इस पहल को भारत की क्षेत्रीय कृषि धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की ब्रांडिंग और निर्यात से किसान समूहों को सीधे आर्थिक लाभ मिलते हैं और वैश्विक बाजार तक पहुंच आसान होती है।

इंडी लाइम: कर्नाटक की विशेष सौगात

इंडी लाइम, जिसे विजयपुरा जिले में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है, अपने तीव्र सुगंध, उच्च रस मात्रा और संतुलित अम्लता के लिए प्रसिद्ध है। इसके अद्वितीय स्वाद और भौगोलिक विशेषताओं के कारण यह कर्नाटक की कृषि समृद्धि का प्रतीक बन गया है। पारंपरिक औषधियों और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों में भी इसका विशेष स्थान है।

पुलियानकुडी लाइम: तेनकासी की नींबू नगरी

तेनकासी जिला स्थित पुलियानकुडी, जिसे तमिलनाडु की ‘नींबू नगरी’ कहा जाता है, ‘कडैयम’ किस्म की लाइम के लिए जानी जाती है। यह किस्म पतली छिलकेदार, तीव्र अम्लता युक्त, और उच्च विटामिन C (34.3 मि.ग्रा./100 ग्राम) व रस प्रतिशत (लगभग 55%) के कारण विशिष्ट है। अप्रैल 2025 में इसे GI टैग प्रदान किया गया था, जिससे इसके पोषणात्मक और क्षेत्रीय गुणों को आधिकारिक मान्यता मिली।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • GI टैग (Geographical Indication) किसी उत्पाद को उसकी भौगोलिक उत्पत्ति के आधार पर मान्यता देता है।
  • APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
  • इंडी लाइम का मुख्य उत्पादन क्षेत्र कर्नाटक का विजयपुरा जिला है।
  • पुलियानकुडी लाइम को अप्रैल 2025 में GI टैग मिला, जो इसके विशिष्ट पोषण और गुणवत्ता गुणों को दर्शाता है।

भारत के इन क्षेत्रीय फलों का यह पहला अंतरराष्ट्रीय निर्यात, केवल कृषि व्यापार का विस्तार नहीं है, बल्कि यह भारत की कृषि विविधता और गुणवत्ता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। इससे न केवल किसान समूहों को बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय पहचान को भी वैश्विक स्तर पर मजबूती मिलेगी।

Originally written on October 30, 2025 and last modified on October 30, 2025.

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