पहली बार चागोस में देखा गया स्लाइटआई शार्क: समुद्री जैव विविधता का नया रहस्य उजागर

वैज्ञानिकों ने पहली बार स्लाइटआई शार्क की उपस्थिति को दुनिया के सबसे बड़े प्रवाल द्वीपसमूह, ग्रेट चागोस बैंक में दर्ज किया है। यह खोज चागोस द्वीपसमूह और इसके समुद्री संरक्षित क्षेत्र (Marine Protected Area) की छिपी हुई जैव विविधता को उजागर करती है और गहरे समुद्री घास के मैदानों की महत्ता पर नया प्रकाश डालती है।

स्लाइटआई शार्क की पहचान और अनोखी विशेषताएँ

स्लाइटआई शार्क, जिसे इसकी संकरी और लंबवत आंखों के कारण यह नाम मिला है, एक छोटी और पतली शरीर वाली शार्क प्रजाति है जो आमतौर पर इंडो-वेस्ट पैसिफिक क्षेत्र के तटीय जल में पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम Loxodon macrorhinus है और यह अपने वंश (genus) की एकमात्र सदस्य है।
इस शार्क की लंबाई लगभग 95 सेंटीमीटर तक हो सकती है, और इसकी आंखें अंधेरे या मंद प्रकाश वाले वातावरण में बेहतर देखने के लिए अनुकूलित होती हैं। यह गहरे और कम रोशनी वाले समुद्री क्षेत्रों के साथ-साथ पारदर्शी, उथले जल में भी जीवित रह सकती है।

चागोस बैंक में खोज और इसका महत्व

इस शार्क की पहली बार मौजूदगी को चागोस बैंक के दक्षिणी छोर पर 23 से 29 मीटर की गहराई में समुद्री घास के क्षेत्रों में देखा गया। वैज्ञानिकों ने बीएटेड रिमोट अंडरवाटर वीडियो (BRUV) प्रणाली के माध्यम से दो शार्कों को 11 किलोमीटर के अंतर पर रिकॉर्ड किया। यह एक महत्वपूर्ण खोज है क्योंकि यह शार्क आमतौर पर गहरे पानी में पाई जाती है, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि यह गहरे समुद्री घास के मैदानों में भी रह सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • स्लाइटआई शार्क का वैज्ञानिक नाम Loxodon macrorhinus है और यह Carcharhinidae परिवार की सदस्य है।
  • यह शार्क इंडियन और वेस्टर्न पैसिफिक महासागरों के 34°N से 30°S अक्षांशों के बीच पाए जाने वाले तटीय क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • IUCN रेड लिस्ट के अनुसार, स्लाइटआई शार्क को ‘निकट संकटग्रस्त’ (Near Threatened) श्रेणी में रखा गया है।
  • चागोस बैंक, जो विश्व का सबसे बड़ा प्रवाल द्वीपसमूह है, में यह पहली बार रिकॉर्ड की गई है।

समुद्री पारिस्थितिकी और संरक्षण की दिशा में कदम

2016 में उपग्रह ट्रैकिंग के माध्यम से ग्रीन टर्टल्स की निगरानी करते हुए गहरे समुद्री घास के मैदानों की खोज हुई थी। तब से अब तक इन मैदानों में 110 से अधिक मछली प्रजातियाँ देखी जा चुकी हैं। स्लाइटआई शार्क की उपस्थिति से यह स्पष्ट होता है कि ये घास के मैदान समुद्री जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
चिंताजनक बात यह है कि अत्यधिक मछली पकड़ने के कारण स्लाइटआई शार्क की जनसंख्या में अगले 15 वर्षों में 30% तक की गिरावट की आशंका है। इस खोज से इस प्रजाति की संरक्षण आवश्यकताओं और इनके आवास के महत्व को समझने में मदद मिलेगी।
यह अध्ययन न केवल एक नई जैव विविधता खोज को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि गहरे समुद्री घास के क्षेत्र संरक्षण की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक हैं और इनके संरक्षण से इंडियन ओशन क्षेत्र की समुद्री पारिस्थितिकी में स्थिरता लाई जा सकती है।

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