पहलगाम आतंकी हमला: पाकिस्तान की संलिप्तता और वैश्विक स्वीकार्यता की पुष्टि

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या ने न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा को झकझोर दिया, बल्कि इस घटना ने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीति को उजागर किया। इस हमले की ज़िम्मेदारी पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जिसे बाद में वापिस ले लिया गया, लेकिन भारत द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी रिपोर्ट से यह साफ हो गया कि TRF वास्तव में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही दूसरा चेहरा है।

UNSC रिपोर्ट और वैश्विक मान्यता

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 प्रतिबंध समिति की हालिया रिपोर्ट में TRF को पहली बार सीधे एक आतंकवादी संगठन के रूप में स्वीकार किया गया और इसे LeT से जुड़ा बताया गया। अमेरिका ने भी TRF को ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ और ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया। पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति जताई लेकिन अंततः उसे स्वीकार करना पड़ा। पाकिस्तान की TRF को बचाने की कोशिश यह दर्शाती है कि वह इन आतंकवादी नेटवर्कों से कितना गहराई से जुड़ा हुआ है।

भारत की प्रतिक्रिया: ऑपरेशन सिंदूर और महादेव

भारत ने इस हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर करारा जवाब दिया गया। इसके बाद ऑपरेशन महादेव के तहत तीन मुख्य आतंकियों — सुलेमान उर्फ फैसल, ताहिर हबीब उर्फ अफगानी, और जिबरान — को मार गिराया गया।
इन आतंकियों की पहचान ठोस वैज्ञानिक प्रमाणों से हुई:

  • उनके पास से बरामद हथियारों की बैलिस्टिक जांच में यह प्रमाणित हुआ कि इन्हीं हथियारों से पहलगाम में गोलियां चलाई गई थीं।
  • उनके पास से बरामद चीनी संचार उपकरण और पाकिस्तानी मूल के मेडिकेशन भी पाकिस्तान की संलिप्तता का प्रमाण बने।
  • दो आतंकियों के पास पाकिस्तानी वोटर कार्ड थे, जिनसे एक की पहचान लाहौर निवासी और दूसरे की POK से हुई।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • TRF को UNSC और अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन घोषित किया गया है।
  • पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।
  • ऑपरेशन सिंदूर केवल 88 घंटे चला और पाकिस्तान को संघर्षविराम की याचना करनी पड़ी।
  • बैलिस्टिक रिपोर्ट की पुष्टि छह स्वतंत्र वैज्ञानिकों ने की।
  • Kargil युद्ध के बाद पाकिस्तान ने अपने मारे गए सैनिकों की लाशें लेने से इनकार किया था — यही पैटर्न अब फिर दोहराया गया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रियाएँ और इनकार

पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस घटना को “झूठा झंडा” बताया और भारतीय रिपोर्ट को “कल्पनाओं पर आधारित” करार दिया। लेकिन TRF की वैश्विक पहचान और ठोस भौतिक साक्ष्य — जैसे पाकिस्तानी मूल की वस्तुएँ, संचार उपकरण, और स्थानीय आतंकियों की POK में अंत्येष्टि — इनकार की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *