पश्चिम अफ्रीकी देशों की ICC से वापसी: उपनिवेशवाद विरोध की नई लहर

पश्चिम अफ्रीका के सैन्य-शासित तीन प्रमुख देशों — बुर्किना फासो, माली और नाइजर — ने 22 सितंबर 2025 को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) से अपने औपचारिक अलगाव की घोषणा की है। इस निर्णय को इन देशों ने “नव-उपनिवेशवादी दमन का साधन” बताते हुए एक मजबूत राजनीतिक बयान के रूप में प्रस्तुत किया है। यह कदम उस व्यापक बदलाव का हिस्सा है जिसमें ये देश पारंपरिक पश्चिमी गठबंधनों से दूरी बनाकर नई कूटनीतिक दिशा की ओर बढ़ रहे हैं।
सैन्य शासन और AES का उदय
2020 से 2023 के बीच इन तीनों देशों में हुए सैन्य तख्तापलटों के परिणामस्वरूप अब ये “साहेल राज्यों के गठबंधन” (Alliance of Sahel States – AES) के अंतर्गत एकजुट हो गए हैं। यह नया संगठन न केवल आंतरिक सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता पर केंद्रित है, बल्कि पश्चिमी प्रभाव से स्वतंत्र नीति निर्माण को भी प्राथमिकता देता है। फ्रांस जैसे पूर्व उपनिवेशवादी देशों से दूरी बनाना और रूस जैसे देशों के साथ रणनीतिक संबंध बनाना इसी नीति का हिस्सा है।
ICC पर आरोप: निष्क्रियता और पक्षपात
संयुक्त वक्तव्य में इन देशों ने ICC पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, अदालत अब तक युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध, नरसंहार और आक्रामकता जैसे गंभीर मामलों को सुलझाने में असफल रही है। इसके विपरीत, उन्होंने यह दावा किया कि ICC का प्रयोग “साम्राज्यवादी ताकतों” द्वारा विकासशील देशों को दबाने के लिए किया जा रहा है।
विशेष रूप से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ ICC द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट (मार्च 2023) के परिप्रेक्ष्य में, इन देशों का ICC से दूरी बनाना एक वैचारिक और रणनीतिक रुख के रूप में देखा जा रहा है।
स्वदेशी न्याय प्रणाली की ओर झुकाव
इन देशों ने यह भी संकेत दिया है कि वे अब “शांति और न्याय के लिए स्वदेशी तंत्र” विकसित करना चाहते हैं। इसका उद्देश्य न केवल स्थानीय संदर्भों में न्याय सुनिश्चित करना है, बल्कि पश्चिमी मॉडल पर निर्भरता को भी समाप्त करना है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि ये तंत्र अंतरराष्ट्रीय मानकों और मानवाधिकारों की कसौटी पर कितना खरे उतरते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की स्थापना 2002 में हुई थी और इसका मुख्यालय हेग, नीदरलैंड्स में स्थित है।
- ICC का उद्देश्य उन मामलों में कार्रवाई करना है जहाँ संबंधित देश न्याय करने में असमर्थ या अनिच्छुक हों।
- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ ICC ने मार्च 2023 में यूक्रेन युद्ध के चलते गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
- AES (Alliance of Sahel States) एक नया क्षेत्रीय राजनीतिक और सुरक्षा गठबंधन है जिसमें माली, बुर्किना फासो और नाइजर शामिल हैं।