पशुपालन व डेयरी मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी मंत्रालय और आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद और उसके सहयोगी विषयों की अवधारणा को पशु चिकित्सा विज्ञान में पेश करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
मुख्य बिंदु
- मंत्रालयों के बीच सहयोग से पशु चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद के उपयोग के लिए एक नियामक तंत्र विकसित करने में मदद मिलेगी।
- यह प्रशिक्षण के माध्यम से संबंधित क्षेत्रों में क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
- यह एमओयू सतत आधार पर हर्बल पशु चिकित्सा दवाओं के लिए विपणन संभावनाओं का पता लगाएगा।
- यह औषधीय पौधों की खेती और संरक्षण के लिए सेवाएं प्रदान करेगा।
- इस सहयोग से हर्बल पशु चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम विकसित होंगे।
- यह किसानों और डेयरी किसानों में हर्बल पशु चिकित्सा के महत्व और उपयोग और औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती के बारे में जागरूकता पैदा करेगा।
भारत में पशुपालन
- आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के अनुसार, पशुधन का योगदान 2014-15 में 32% से बढ़कर 2018-19 में 28.63% हो गया है।
- 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार, भारत में कुल पशुधन आबादी 78 मिलियन है। भारत में दुनिया में सबसे अधिक पशुधन है।
- जून 2020 में, भारत सरकार ने पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund) की स्थापना की थी। इसे 15,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ स्थापित किया गया था।
- भारत सरकार ने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Animal Disease Control Programme) लांच किया है। इसकार्यक्रम को ब्रुसेलोसिस, पैर और मुंह के रोगों के लिए लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए लगभग 13,343 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission) 2014-15 में शुरू किया गया था।यह पशुधन उत्पादन प्रणाली में गुणात्मक और मात्रात्मक सुधार सुनिश्चित करने के लिए लांच किया गया था।
- राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (National Artificial Insemination Programme) को मादा नस्लों में संसेचन लाने के लिए नवीन तरीकों का सुझाव देने के लिए शुरू किया गया था।
Originally written on
April 9, 2021
and last modified on
April 9, 2021.