पशुओं के लिए रक्त बैंकिंग और रक्त संक्रमण पर नए दिशानिर्देश: पशुपालन क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल

भारत सरकार अब पशुओं के लिए भी मानकीकृत रक्त बैंकिंग और रक्त संक्रमण सेवाओं को संस्थागत रूप देने की दिशा में कार्य कर रही है। हाल ही में मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग ने पशुओं के लिए रक्त संक्रमण और रक्त बैंक के लिए मसौदा दिशानिर्देश/SOP जारी किए हैं और विशेषज्ञों व नागरिकों से इस पर सुझाव मांगे हैं।
पशुओं के लिए SOP की आवश्यकता क्यों?
2019 की 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार, भारत में 53.6 करोड़ पशुधन हैं, जिनमें गाय, भैंस, बकरी, भेड़, घोड़े, ऊँट, सूअर आदि शामिल हैं। साथ ही, लगभग 12.5 करोड़ पालतू पशु (कुत्ते, बिल्लियाँ आदि) भी हैं। यह क्षेत्र न केवल कृषि जीवीए में 30% का योगदान देता है, बल्कि ग्रामीण आजीविका का एक अहम आधार भी है।
ऐसे में, जीवनरक्षक सेवाओं जैसे रक्त संक्रमण को औपचारिक बनाना अत्यंत आवश्यक है। यह सेवा आघात, रक्ताल्पता, शल्य क्रिया में रक्त हानि, संक्रामक रोगों और थक्के संबंधी विकारों के उपचार में आवश्यक होती है। वर्तमान में भारत में पशु रक्त संक्रमण के लिए कोई राष्ट्रीय नियमावली नहीं है।
रक्त की मात्रा और समूह
- सामान्यतः किसी भी जानवर में रक्त उसकी शरीर की कुल वज़न का 7-9% होता है।
- गाय: लगभग 16.5 लीटर रक्त (300 किग्रा औसत वजन पर आधारित)
- कुत्ते: 86 मि.ली./किग्रा
- घोड़े: 76 मि.ली./किग्रा
- बकरी/भेड़: 66-65 मि.ली./किग्रा
- बिल्ली: 55 मि.ली./किग्रा
रक्त समूह भी जानवरों में मौजूद होते हैं, जैसे कुत्तों में 9, बिल्लियों में 4, गायों में 11 और घोड़ों में 8 रक्त समूह होते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में पशुधन और पालतू पशुओं की कुल जनसंख्या: लगभग 66 करोड़।
- पशुधन क्षेत्र का योगदान: कृषि GDP का लगभग 30% और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का 5.5%।
- रक्त बैंक स्थापित होंगे: पशु चिकित्सा महाविद्यालय, रेफरल अस्पताल, पॉलीक्लिनिक, बहु-विशेषज्ञ पशु अस्पतालों में।
- दाता पालतू जानवरों के लिए आयु सीमा: कुत्ते (1-8 वर्ष), बिल्ली (1-5 वर्ष), न्यूनतम वजन क्रमशः 25 किग्रा और 4 किग्रा।
रक्त बैंक की संरचना और निगरानी प्रणाली
मसौदा दिशानिर्देशों के अनुसार, राष्ट्रीय पशु रक्त बैंक नेटवर्क (N-VBBN) की स्थापना की जाएगी, जिसमें निम्नलिखित व्यवस्थाएँ होंगी:
- डिजिटल डोनर रजिस्ट्री जिसमें रक्त समूह, नस्ल और स्थान की जानकारी होगी।
- रियल टाइम इन्वेंट्री ट्रैकिंग।
- आपातकालीन स्थितियों में हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल।
- एकरूप रिपोर्टिंग और सुरक्षा प्रोटोकॉल।
साथ ही, भविष्य में मोबाइल ऐप विकसित किए जाने की योजना है जो डोनर-प्राप्तकर्ता मिलान और लॉजिस्टिक्स में सहायक होगा।
दान हेतु शर्तें और निषेध
- सभी दान स्वैच्छिक और नि:शुल्क होंगे।
- दानकर्ता पशु को स्वस्थ, टीकाकृत और गर्भवती या हाल ही में दूध देने वाली मादा नहीं होना चाहिए।
- कुत्ते हर 4-6 सप्ताह, और बिल्लियाँ 8-12 सप्ताह में दान कर सकती हैं, लेकिन कम से कम 30 दिन का अंतर आवश्यक होगा।
- रक्त संग्रह, लेबलिंग, भंडारण, और संक्रमण के बाद की निगरानी जैसे सभी विवरणों का रिकॉर्ड कम से कम 5 वर्षों तक रखा जाएगा।