पर्यावरणीय सम्मेलन 2025: सतत विकास की दिशा में एक क्षेत्रीय पहल
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के चेन्नई स्थित क्षेत्रीय पीठ द्वारा 6 और 7 दिसंबर 2025 को “क्षेत्रीय पर्यावरण सम्मेलन 2025” का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय आयोजन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के लिए क्षेत्रीय स्तर पर संस्थागत सहयोग को सशक्त करना और एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना है।
उद्घाटन सत्र और प्रमुख अतिथि
सम्मेलन का आयोजन एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव के नेतृत्व में किया गया, जिसमें न्यायमूर्ति पुष्पा सत्यनारायण और अन्य सदस्य मार्गदर्शक रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एम.एम. सुन्दरेश ने मुख्य अतिथि के रूप में किया, जबकि न्यायमूर्ति अरविंद कुमार विशेष अतिथि और न्यायमूर्ति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। तमिलनाडु सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भी इसमें भाग लिया।
क्षेत्रीय पर्यावरणीय चुनौतियों पर फोकस
सम्मेलन में न्यायिक अधिकारियों, पर्यावरण विशेषज्ञों, प्रशासकों, शिक्षाविदों और नागरिक संगठनों की भागीदारी रही। महात्मा गांधी के जिम्मेदार पर्यावरणीय आचरण के संदेश से प्रेरित यह आयोजन दक्षिण भारत के समक्ष मौजूद पर्यावरणीय चुनौतियों जैसे प्रदूषण, कचरा प्रबंधन, तटीय क्षेत्रीय संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण पर केंद्रित रहा। सम्मेलन में स्थायित्व, लचीलापन और प्रभावी विनियमन पर विशेष जोर दिया गया।
तकनीकी सत्रों की प्रमुख थीम
सम्मेलन के तीन तकनीकी सत्र इसके मूल आकर्षण रहे।पहला सत्र न्यायमूर्ति ए. मुहम्मद मुस्ताक की अध्यक्षता में पर्यावरण कानून प्रवर्तन और जैव विविधता संरक्षण पर केंद्रित रहा।दूसरा सत्र न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती की अध्यक्षता में ठोस एवं जैव-चिकित्सकीय अपशिष्ट प्रबंधन नीतियों पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया।तीसरा सत्र न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज के नेतृत्व में तटीय क्षेत्र संरक्षण की चुनौतियों पर केंद्रित रहा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- आयोजनकर्ता: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) क्षेत्रीय पीठ, चेन्नई
- आयोजन तिथि: 6–7 दिसंबर 2025
- उद्घाटन: न्यायमूर्ति एम.एम. सुन्दरेश, सर्वोच्च न्यायालय
- समापन सत्र की अध्यक्षता: न्यायमूर्ति आर. महादेवन, सर्वोच्च न्यायालय
- प्रमुख विषय: जैव विविधता संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, तटीय संरक्षण
सम्मेलन का समापन सत्र न्यायमूर्ति आर. महादेवन की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें तमिलनाडु के पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल जैसे वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। समापन समारोह में पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया।