परित्यक्त कोयला खदानों से 27 GW सौर ऊर्जा की क्षमता: भारत में ऊर्जा, रोजगार और भूमि पुनर्विकास की नई दिशा

परित्यक्त कोयला खदानों से 27 GW सौर ऊर्जा की क्षमता: भारत में ऊर्जा, रोजगार और भूमि पुनर्विकास की नई दिशा

भारत में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक बड़ी संभावना सामने आई है। ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर (GEM) की नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में परित्यक्त कोयला खदानों से 27.11 गीगावॉट (GW) सौर ऊर्जा का उत्पादन संभव है, जो देश की मौजूदा स्थापित सौर क्षमता का लगभग 37% है। यह पहल न केवल ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती है, बल्कि रोजगार सृजन और भूमि पुनर्विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

भारत में परित्यक्त खदानों की ऊर्जा क्षमता

GEM के अनुसार भारत में 63 से अधिक ऐसी खदानें हैं, जो 500 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैली हैं और जिनका उपयोग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है। भारत वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है जहाँ खदानों से इस प्रकार की ऊर्जा क्षमता निहित है।

  • तेलंगाना, ओडिशा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ – ये चार राज्य अकेले ही 22 GW से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।
  • ये राज्य वैश्विक शीर्ष 20 क्षेत्रों में शामिल हैं जहाँ खदानों की भूमि का दोबारा उपयोग सबसे अधिक संभव है।

पर्यावरणीय और सामाजिक चिंताएँ

इन खदानों की स्थिति यदि सुधार के बिना बनी रहती है, तो वे अनेक पर्यावरणीय खतरे उत्पन्न कर सकती हैं:

  • मीथेन उत्सर्जन, जो CO₂ से 28 गुना अधिक प्रभावी ग्रीनहाउस गैस है, वर्षों तक जारी रह सकता है।
  • खतरनाक दुर्घटनाएँ, जैसे भारत में गैरकानूनी खदानों में छत का गिरना, अमेरिका में सिंकहोल बनना और दक्षिण अफ्रीका में जल प्रदूषण।
  • भूमि अधिकारों को लेकर स्पष्ट नीति का अभाव, जिससे स्थानीय समुदायों को भूमि वापसी नहीं मिलती।

वैश्विक उदाहरण और भविष्य की दिशा

  • विश्वभर में 28 देशों में 288 GW सौर क्षमता की संभावना है, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, अमेरिका शामिल हैं।
  • चीन में 90 खदानों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं में बदला गया है (14 GW), और 45 अन्य परियोजनाएँ पाइपलाइन में हैं।
  • GEM के अनुसार, 96% परित्यक्त खदानें ग्रिड के 10 किमी के भीतर हैं, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर लागत घटती है।

संभावित रोजगार प्रभाव

  • यह संक्रमण 2.6 लाख स्थायी नौकरियाँ और
  • 3.1 लाख अस्थायी एवं निर्माण क्षेत्र की नौकरियाँ उत्पन्न कर सकता है।
  • यह अनुमानित कोयला उद्योग में संभावित नौकरियों की हानि को 2035 तक पार कर सकता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत की परित्यक्त खदानों से 27.11 GW सौर ऊर्जा उत्पादन संभव।
  • तेलंगाना, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में अकेले 22 GW क्षमता।
  • चीन ने सबसे अधिक 90 खदानों को सौर ऊर्जा में बदला (14 GW)।
  • GEM के अनुसार, 96% खदानें ग्रिड से 10 किमी के भीतर हैं।

निष्कर्ष

भारत के पास अपने परित्यक्त कोयला खनन क्षेत्रों को हरित ऊर्जा स्रोतों में बदलने का सुनहरा अवसर है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि यह रूपांतरण सामाजिक न्याय, स्थानीय भागीदारी, और भूमि अधिकारों की पारदर्शिता के साथ हो। यदि भारत इन क्षेत्रों को न्यायपूर्ण और सतत तरीके से पुनः उपयोग करता है, तो यह ऊर्जा संक्रमण का एक वैश्विक उदाहरण बन सकता है।

Originally written on June 20, 2025 and last modified on June 20, 2025.

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