परमाणु हथियारों पर वैश्विक परिदृश्य: भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा

विश्व में नौ देश ऐसे हैं जो या तो खुले तौर पर परमाणु हथियार रखने का दावा करते हैं या जिनके पास इन हथियारों के होने का व्यापक रूप से विश्वास किया जाता है। इनमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम जैसे पांच देश परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के हस्ताक्षरकर्ता हैं। भारत, पाकिस्तान और इज़राइल इस संधि में शामिल नहीं हैं, जबकि उत्तर कोरिया ने 2003 में इससे अलग होने की घोषणा की थी।
भारत, पाकिस्तान और चीन: दक्षिण एशिया में परमाणु संतुलन
भारत ने 1974 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था और 1998 में दोबारा परीक्षण कर अपनी शक्ति का विस्तार किया। पाकिस्तान ने भी उसी वर्ष परमाणु परीक्षण करके क्षेत्र में शक्ति संतुलन कायम किया। 2025 की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं, जो पाकिस्तान के 170 हथियारों से अधिक हैं। चीन इस क्षेत्र में सबसे आगे है, जिसके पास 600 परमाणु हथियार हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2024 में अपनी परमाणु क्षमता का धीरे-धीरे विस्तार किया है और नए किस्म की डिलीवरी प्रणालियों का विकास जारी रखा है। ‘कैनिस्टराइज्ड’ मिसाइलों का प्रयोग इस ओर संकेत करता है कि भारत अब अपने हथियारों को युद्ध की स्थिति के अलावा भी मिसाइलों पर माउंट करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
परमाणु त्रिक (Nuclear Triad) की दिशा में भारत की प्रगति
भारत की परमाणु क्षमता अब एक परिपक्व त्रिक प्रणाली की ओर बढ़ रही है जिसमें विमान, स्थल आधारित मिसाइल और परमाणु-संचालित पनडुब्बियों (SSBNs) का सम्मिलन है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत पारंपरिक रूप से अपने परमाणु हथियारों को लॉन्चर्स से अलग रखता रहा है, लेकिन हाल के कदम इस रणनीति में संभावित बदलाव का संकेत देते हैं।
वहीं, पाकिस्तान भी नए डिलीवरी सिस्टम्स का विकास कर रहा है और फिसाइल सामग्री (नाभिकीय विस्फोटक सामग्री) का भंडारण बढ़ा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दशकों में पाकिस्तान की परमाणु क्षमता में भी विस्तार हो सकता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत, पाकिस्तान और इज़राइल परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के सदस्य नहीं हैं।
- भारत के पास 180, पाकिस्तान के पास 170 और चीन के पास 600 परमाणु हथियार हैं (SIPRI, 2025)।
- परमाणु त्रिक (Nuclear Triad) वह प्रणाली है जिसमें हवाई, स्थलीय और समुद्री प्लेटफॉर्म से परमाणु हमला किया जा सकता है।
- SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, 2020-24 में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक था।
परमाणु हथियारों की इस वैश्विक दौड़ में भारत न केवल अपनी रणनीतिक क्षमता को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि चीन की ओर बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए अपनी लंबी दूरी की मिसाइल प्रणालियों पर भी जोर दे रहा है। हालांकि, यह वृद्धि क्षेत्रीय शांति के लिए एक चुनौतीपूर्ण संतुलन भी प्रस्तुत करती है, जो भविष्य की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीतियों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।