परमाणु शक्ति से लैस रूसी ड्रोन ‘Poseidon’ का सफल परीक्षण
 
रूस ने हाल ही में अपने परमाणु शक्ति संचालित और परमाणु हथियारों से सुसज्जित अंडरवॉटर ड्रोन ‘Poseidon’ का सफल परीक्षण किया है, जिसे दुनिया में अब तक का सबसे घातक और अवांछनीय हथियार माना जा रहा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसकी घोषणा ऐसे समय में की है जब यूक्रेन संकट को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव चरम पर है। इस ड्रोन की क्षमता और रणनीतिक उद्देश्य इसे वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं।
Poseidon ड्रोन की विशेषताएँ
Poseidon एक स्वचालित अंडरवॉटर ड्रोन है जो परमाणु ऊर्जा से चलता है और उसमें परमाणु हथियार फिट किए जा सकते हैं। यह ड्रोन हाल ही में पहली बार परमाणु शक्ति के सहारे पानी के भीतर परीक्षण किया गया, जिसे राष्ट्रपति पुतिन ने “विशाल सफलता” करार दिया। उन्होंने दावा किया कि Poseidon गति और गहराई दोनों के मामले में सभी मौजूदा प्रणालियों से बेहतर है।
इस ड्रोन को विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों के पास विस्फोट करने के लिए डिजाइन किया गया है ताकि यह एक शक्तिशाली रेडियोधर्मी सूनामी उत्पन्न कर सके। इसकी यही क्षमता इसे पारंपरिक हथियारों से कहीं अधिक खतरनाक बनाती है। साथ ही, इसका परमाणु रिएक्टर पारंपरिक पनडुब्बियों के रिएक्टरों की तुलना में 100 गुना छोटा है, जिससे इसे गुप्त रूप से और अधिक प्रभावी तरीके से संचालित किया जा सकता है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और रणनीतिक संकेत
Poseidon और हाल ही में परीक्षण किए गए Burevestnik क्रूज़ मिसाइल दोनों ही रूस की परमाणु क्षमता के विस्तार की ओर संकेत करते हैं। यह कदम अमेरिका और नाटो को स्पष्ट संदेश देता है कि रूस अपनी रक्षा प्रणाली को नई ऊँचाइयों तक ले जाने को तैयार है। रूस द्वारा बार-बार परमाणु विकल्पों का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि वह पश्चिमी देशों के दबाव के सामने झुकने वाला नहीं है।
इन परीक्षणों के समय पर भी ध्यान देना आवश्यक है — जब यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी प्रतिबंधों और सैन्य दबावों की तीव्रता बढ़ी है। यह न केवल शक्ति प्रदर्शन है, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Poseidon को नाटो द्वारा “Kanyon” के नाम से पहचाना जाता है।
- इसका उद्देश्य पारंपरिक सैन्य लक्ष्यों से हटकर तटीय शहरों को परमाणु सूनामी से प्रभावित करना है।
- रूस की Sarmat ICBM मिसाइल की तुलना में Poseidon के वारहेड की शक्ति अधिक मानी जा रही है।
- Poseidon प्रणाली का पहला उल्लेख 2015 में रूसी मीडिया में एक लीक हुए दस्तावेज़ से हुआ था।
रूस द्वारा Poseidon जैसे हथियारों का विकास और परीक्षण न केवल उसकी तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों में भी बड़े बदलाव का संकेत देता है। ऐसे अत्याधुनिक और घातक हथियार शांति और सुरक्षा के लिहाज़ से गहरी चिंता उत्पन्न करते हैं। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर कैसे प्रतिक्रिया देता है और क्या इस तरह के हथियारों को रोकने के लिए कोई सामूहिक प्रयास किया जाता है।
