परमाणु ऊर्जा के विकास पर म्यांमार-रूस ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

परमाणु ऊर्जा के विकास पर म्यांमार-रूस ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

म्यांमार 2008 के संविधान के तहत संचालित एक स्वतंत्र गणराज्य था। 2021 में तख्तापलट कर देश की सेना सत्ता में आई। हाल ही में, सैन्य नेतृत्व वाली म्यांमार सरकार और रूसी सरकार ने एक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के मुताबिक देश परमाणु ऊर्जा पर मिलकर काम करेंगे।

मुख्य बिंदु 

  • यह एक असैन्य परमाणु समझौता है, जिसका अर्थ है कि उत्पादित परमाणु ऊर्जा का उपयोग शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाएगा न कि हथियारों या मिसाइलों के उत्पादन के लिए।
  • इस समझौते के तहत, दोनों देश परमाणु प्रौद्योगिकी केंद्र का निर्माण करेंगे।

पृष्ठभूमि

परमाणु समझौते पर बातचीत लंबे समय से चल रही है। म्यांमार द्वारा 2015 में प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि, रूसी बड़ी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था। हालांकि, समझौते पर हस्ताक्षर करने की अचानक स्वीकृति अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञों को संदेहपूर्ण प्रतीत होती है कि क्या यह निर्णय हाल ही में फिलीपींस के साथ अमेरिकी संबंधों के कारण किया गया था। नवंबर 2022 में अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने फिलीपींस का दौरा किया था। उनके दौरे के दौरान कई अहम फैसले लिए गए। अमेरिका और फिलीपींस के बीच हाल ही में हुए परमाणु समझौते और अन्य सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर उनकी यात्रा के दौरान किए गए थे।

अमेरिकी सरकार द्वारा फिलीपींस के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिनों के बाद म्यांमार के साथ रूस ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। अमेरिका ने हाल ही में फिलीपींस के साथ एक असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए। साथ ही, फिलीपींस अमेरिका को देश के पश्चिमी भाग में अपने सैन्य ठिकानों का उपयोग करने की अनुमति देने पर सहमत हुआ।

Originally written on February 9, 2023 and last modified on February 9, 2023.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *