पतंजलि विश्वविद्यालय बना ज्ञान भारतम् मिशन के अंतर्गत पहला योग और आयुर्वेद आधारित क्लस्टर केंद्र
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे ज्ञान भारतम् मिशन के अंतर्गत पतंजलि विश्वविद्यालय को देश का पहला योग और आयुर्वेद आधारित क्लस्टर केंद्र के रूप में आधिकारिक मान्यता दी गई है। यह मान्यता भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं के संरक्षण और प्रचार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
ज्ञान भारतम् मिशन के अंतर्गत मान्यता
यह मान्यता हरिद्वार में आयोजित एक समारोह में स्वामी रामदेव, कुलपति आचार्य बालकृष्ण, और मिशन निदेशक डॉ. अनिर्बान दाश की उपस्थिति में एक सहयोग ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर के साथ औपचारिक रूप से दी गई।
ज्ञान भारतम् मिशन का उद्देश्य भारत की बौद्धिक विरासत, विशेष रूप से पांडुलिपियों और पारंपरिक ज्ञान, का संरक्षण और शोध के माध्यम से पुनर्स्थापन करना है।
पतंजलि विश्वविद्यालय की भूमिका
क्लस्टर केंद्र के रूप में, पतंजलि विश्वविद्यालय पूरे देश में फैले 20 संबद्ध संस्थानों को मार्गदर्शन देगा। विश्वविद्यालय की प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
- योग, आयुर्वेद और संबंधित भारतीय ज्ञान प्रणालियों से संबंधित पांडुलिपियों का शोध, शिक्षण, डिजिटलीकरण और प्रचार।
- अब तक विश्वविद्यालय ने 50,000 से अधिक प्राचीन ग्रंथों का संरक्षण, 42 लाख से अधिक पृष्ठों का डिजिटलीकरण, और 40 से अधिक पांडुलिपियों का पुनर्प्रकाशन किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर इस नियुक्ति का महत्व
स्वामी रामदेव ने इस पहल को भारत की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा और पारंपरिक ज्ञान को वैश्विक नेतृत्व का आधार बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि अब तक मिशन के अंतर्गत 33 समझौते किए जा चुके हैं, जिनमें 20 क्लस्टर केंद्र और 8 विश्वविद्यालय शामिल हैं। परंतु, पतंजलि विश्वविद्यालय पहला ऐसा संस्थान है जो विशेष रूप से योग और आयुर्वेद पर केंद्रित है और जिसे यह विशेष मान्यता प्राप्त हुई है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- पतंजलि विश्वविद्यालय, ज्ञान भारतम् मिशन के अंतर्गत पहला योग और आयुर्वेद आधारित क्लस्टर केंद्र बना।
- ज्ञान भारतम् मिशन, संस्कृति मंत्रालय के तहत संचालित होता है।
- विश्वविद्यालय ने 42 लाख से अधिक पांडुलिपि पृष्ठों का डिजिटलीकरण किया है।
- क्लस्टर केंद्र, देशभर के 20 संस्थानों को मार्गदर्शन देगा।
प्राचीन ज्ञान को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की पहल
मिशन अधिकारियों के अनुसार, पतंजलि विश्वविद्यालय की भूमिका न केवल प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणालियों को संरक्षित करने में होगी, बल्कि उन्हें आधुनिक शैक्षणिक ढांचे से जोड़ने में भी अहम योगदान रहेगा।
संयुक्त अनुसंधान और संस्थागत मार्गदर्शन के माध्यम से यह केंद्र योग और आयुर्वेद जैसे पारंपरिक विषयों को न केवल जीवित रखेगा, बल्कि उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध और उपयोगी भी बनाएगा।