पंजाबी गायक हरमन सिद्धू का सड़क हादसे में निधन: संगीत जगत में शोक की लहर
पंजाबी संगीत जगत को बड़ा झटका लगा है। लोकप्रिय गायक हरमन सिद्धू का 37 वर्ष की आयु में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। मंसा ज़िले में हुए इस हादसे ने उनके प्रशंसकों और साथी कलाकारों को गहरे शोक में डाल दिया है। अपनी भावनात्मक आवाज़ और युवाओं से जुड़ाव के लिए मशहूर सिद्धू ने पंजाबी संगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया था।
सड़क हादसे में दर्दनाक मृत्यु
यह हादसा मंसा–पटियाला मार्ग पर स्थित ख्याला गाँव के पास हुआ, जहाँ हरमन सिद्धू की कार एक ट्रक से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। स्थानीय प्रशासन ने पुष्टि की कि सिद्धू अपने गाँव लौट रहे थे जब यह दुर्घटना हुई। इस घटना ने पंजाब में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और राजमार्गों की सुरक्षा व्यवस्था पर नई बहस छेड़ दी है।
युवाओं की पसंद बने हरमन सिद्धू
हरमन सिद्धू को प्रसिद्धि मिली उनके चर्चित गीत “Paper Te Pyaar” से, जिसे उन्होंने मिस पूजा के साथ गाया था। यह गीत रिलीज़ के तुरंत बाद वायरल हो गया और सिद्धू युवाओं के बीच एक लोकप्रिय नाम बन गए। उनकी गायकी की विशेषता थी सच्चे भाव, सुरीली प्रस्तुति और ऐसे बोल जो श्रोताओं के दिल को छू जाते थे। उन्होंने कई युगल गीतों पर काम किया और पंजाबी संगीत में अपनी अलग पहचान बनाई।
अधूरी रह गईं संगीत योजनाएँ
सिद्धू हाल ही में अपने करियर के एक नए चरण की तैयारी में थे। परिवार के अनुसार, उन्होंने दो नए गीतों की शूटिंग पूरी कर ली थी, जिनका रिलीज़ वर्ष 2025 के अंत तक होना था। उनके पुराने हिट गानों में “Mela”, “Kheti”, “Mobile”, “Pai Gaya Pyar”, “Thakevan Jattan Da” और “Pind” (2009 के एल्बम “Ladia” से) आज भी श्रोताओं के बीच लोकप्रिय हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- हरमन सिद्धू की मृत्यु के समय उनकी आयु 37 वर्ष थी।
- उनका प्रसिद्ध गीत “Paper Te Pyaar” ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई।
- हादसा पंजाब के मंसा ज़िले के ख्याला गाँव के पास हुआ।
- उन्होंने हाल ही में दो नए गीतों की शूटिंग पूरी की थी, जो अब तक रिलीज़ नहीं हुए।
परिवार और संगीत जगत में गहरा शोक
हरमन सिद्धू अपने परिवार के इकलौते पुत्र थे। उनके परिवार में माँ, पत्नी और एक छोटी बेटी हैं। डेढ़ वर्ष पहले ही उनके पिता का निधन हुआ था, जिससे परिवार पहले से ही शोक में था। अब हरमन सिद्धू की असमय मृत्यु ने इस दुख को और गहरा कर दिया है। उनकी आवाज़ और संगीत ने पंजाबी संगीत जगत को जो ऊर्जा दी थी, वह हमेशा याद रखी जाएगी।