न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): किसानों के लिए सुरक्षा कवच और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर नीति

भारत के किसान हर फसल चक्र में प्रकृति और बाज़ार की अनिश्चितताओं के बीच अथक परिश्रम करते हैं। कभी असमय बारिश, कभी सूखा तो कभी बाढ़ – महीनों की मेहनत कुछ दिनों में तबाह हो सकती है। और यदि फसल अच्छी भी हो जाए, तो बाज़ार में गिरते दाम उन्हें ‘कर्ज़ का जाल’ और ‘मजबूरी की बिक्री’ की ओर धकेल सकते हैं। ऐसे संकटों में किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) एक जीवन रेखा की तरह कार्य करता है।
MSP: किसानों को आश्वस्त करने वाली नीति
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित दर पर किसानों से फसल खरीद की गारंटी है। उदाहरण स्वरूप, रबी विपणन सत्र 2026-27 में गेहूं के लिए MSP ₹2,585/क्विंटल और सामान्य धान के लिए 2025-26 के खरीफ सत्र में ₹2,369/क्विंटल तय किया गया है। यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को उत्पादन लागत से कम मूल्य पर अपनी फसल बेचने की मजबूरी न हो।
MSP निर्धारण की प्रक्रिया
MSP की घोषणा प्रतिवर्ष 22 अधिदिष्ट फसलों के लिए की जाती है, जिसकी सिफारिश कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा की जाती है। यह सिफारिशें राज्यों, मंत्रालयों और विभिन्न कारकों जैसे:
- उत्पादन लागत,
- मांग-आपूर्ति,
- अंतर्राष्ट्रीय कीमतें,
- कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों के व्यापार संबंध,
आधारित होती हैं। वर्ष 2018-19 से MSP को उत्पादन लागत से कम से कम 1.5 गुना तय करने की नीति अपनाई गई है।
2025-26 खरीफ और 2026-27 रबी सत्रों के MSP
- खरीफ 2025-26: सर्वाधिक वृद्धि नाइगरसीड (₹820/क्विंटल), रागी (₹596), कपास (₹589), तिल (₹579) के लिए।
- सबसे अधिक लाभकारी मार्जिन: बाजरा (63%), मक्का व तुअर (59%), उरद (53%)।
- रबी 2026-27: सर्वाधिक वृद्धि सैफलावर (₹600/क्विंटल) और मसूर (₹300) के लिए। गेहूं के लिए 109%, सरसों के लिए 93% मार्जिन सुनिश्चित।
पीएम-आशा योजना: MSP को ज़मीन पर उतारने की व्यवस्था
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के अंतर्गत:
- प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS): जब बाज़ार मूल्य MSP से नीचे गिरता है, तो NAFED व NCCF जैसी एजेंसियाँ सीधे किसानों से फसल खरीदती हैं।
- सिर्फ़ योग्य और पूर्व-पंजीकृत किसानों से खरीद: यह प्रक्रिया बिचौलियों को हटाकर पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
तकनीक आधारित पारदर्शिता
- ई-समृद्धि और ई-संयुक्ति पोर्टल: किसान आधार, भूमि रिकॉर्ड, बैंक विवरण व फसल जानकारी के साथ पंजीकरण कर सकते हैं और सीधे बैंक खातों में भुगतान प्राप्त करते हैं।
- कपास किसान ऐप: कपास किसानों के लिए समर्पित ऐप जो क्वालिटी रिपोर्टिंग, भुगतान की स्थिति व स्लॉट बुकिंग की सुविधा देता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- MSP पहली बार: 1966-67 में गेहूं के लिए घोषित किया गया था।
- CACP स्थापना: 1965 में हुई थी।
- PM-AASHA की शुरुआत: 2018 में हुई, MSP आधारित खरीद को सशक्त करने हेतु।
- NAFED (1958): कृषि उत्पादों की विपणन व्यवस्था व मूल्य स्थिरता के लिए कार्यरत।