न्यूजीलैंड के दूरदराज समुद्र तट पर 27 पायलट व्हेल की मौत: कारण अब भी रहस्य

न्यूजीलैंड के दूरदराज समुद्र तट पर 27 पायलट व्हेल की मौत: कारण अब भी रहस्य

न्यूजीलैंड के उत्तर द्वीप के सुदूरवर्ती हिस्से में स्थित ट्वाइलाइट बीच, जिसे माओरी भाषा में पैएंगा रेहिया कहा जाता है, हाल ही में एक दुखद प्राकृतिक घटना का साक्षी बना। यहां 29 पायलट व्हेल फंसी पाई गईं, जिनमें से 27 की मृत्यु हो चुकी है। यह घटना समुद्री जीवन और संरक्षण की दिशा में एक बार फिर कई जटिल प्रश्न खड़े करती है।

घटनास्थल और बचाव प्रयास

यह घटना सोमवार को सामने आई जब स्थानीय लोगों ने ट्वाइलाइट बीच पर व्हेल के एक समूह को तट पर फंसा हुआ देखा। यह इलाका बेहद दूरदराज और दुर्गम है, जिससे किसी भी तरह के त्वरित बचाव कार्य को अंजाम देना अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गया। न्यूजीलैंड के संरक्षण विभाग ने बयान जारी कर कहा कि बचाव कार्य को परिस्थितियों को देखते हुए रोकना पड़ा। इसमें जानवरों की हालत, ज्वार-भाटे की स्थिति और क्षेत्र की भौगोलिक कठिनाइयाँ शामिल थीं।

सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहल

व्हेलों की मौत के बाद, स्थानीय माओरी समुदाय — न्गाति कुरी — ने “राहुई” घोषित किया। यह एक पारंपरिक माओरी आध्यात्मिक प्रतिबंध होता है, जो विशेष रूप से मृत जीवों की सांस्कृतिक मर्यादा बनाए रखने और जैविक खतरे से निपटने के लिए लगाया जाता है। इस प्रक्रिया का नेतृत्व न्गाति कुरी समुदाय करेगा, जबकि संरक्षण विभाग उन्हें सहायता प्रदान करेगा।

बार-बार क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं?

न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया, दोनों ही देश गहरे महासागरों से घिरे हैं, जहां पायलट व्हेल की बड़ी आबादी पाई जाती है। ये क्षेत्र अक्सर सामूहिक व्हेल फँसने की घटनाओं के लिए बदनाम हैं। पायलट व्हेल बेहद सामाजिक प्राणी होते हैं और जब एक सदस्य संकट में होता है, तो पूरा समूह उसका अनुसरण कर सकता है — यही प्रवृत्ति कई बार सामूहिक फँसने का कारण बनती है। हालांकि, विशेषज्ञ अभी तक इस बात पर एकमत नहीं हैं कि इस तरह की घटनाओं के पीछे सटीक कारण क्या होते हैं। मौसम, समुद्री ध्वनियाँ, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव, और बीमारियाँ — ये सभी संभावित कारक माने जाते हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • न्यूजीलैंड के तटों पर हर साल औसतन 85 समुद्री स्तनधारी फँसते पाए जाते हैं।
  • पायलट व्हेल दो प्रजातियों में होती हैं: लॉन्ग-फिनड और शॉर्ट-फिनड पायलट व्हेल।
  • “राहुई” एक पारंपरिक माओरी प्रक्रिया है जो क्षेत्र को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित करती है।
  • व्हेल स्ट्रैंडिंग की सबसे बड़ी घटना 1918 में चाथम द्वीप पर हुई थी, जब लगभग 1,000 व्हेल फंसी थीं।

यह घटना केवल समुद्री जैव विविधता के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद नहीं दिलाती, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान कैसे मिलकर प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सकते हैं।

Originally written on October 25, 2025 and last modified on October 25, 2025.

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