न्यायमूर्ति विक्रम नाथ बने NALSA के नए कार्यकारी अध्यक्ष

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ बने NALSA के नए कार्यकारी अध्यक्ष

भारत में सुलभ और सस्ती न्याय व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए न्यायमूर्ति विक्रम नाथ को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) का नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्वारा की गई यह नियुक्ति देश में न्याय सुधारों की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार मानी जा रही है। इसका उद्देश्य समाज के कमजोर तबकों के लिए न्याय तक पहुंच को और अधिक व्यापक बनाना है।

NALSA की भूमिका और महत्त्व

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की स्थापना वर्ष 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निःशुल्क और सक्षम विधिक सहायता प्रदान करना है ताकि कोई भी नागरिक केवल आर्थिक कारणों से न्याय से वंचित न रह जाए। NALSA भारत की न्याय प्रणाली का वह आधार स्तंभ है जो यह सुनिश्चित करता है कि संविधान में प्रदत्त समानता और न्याय के अधिकार सभी के लिए व्यवहारिक रूप से उपलब्ध हों।

संगठनात्मक ढांचा और नेतृत्व

NALSA की संरचना तीन स्तरों पर फैली हुई है राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर। इसके शीर्ष पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) संरक्षक (Patron-in-Chief) के रूप में कार्य करते हैं, जो इसके न्यायिक ढांचे में इसकी केंद्रीय भूमिका को दर्शाता है। राज्य और जिला स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से यह संस्था देश के दूरदराज़ और वंचित समुदायों तक विधिक सहायता पहुँचाती है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ के नेतृत्व में NALSA के कार्यों में और अधिक दक्षता तथा तकनीकी सशक्तिकरण की उम्मीद की जा रही है। उनके मार्गदर्शन में संस्था का नेटवर्क और विस्तार करेगा, जिससे विधिक सहायता कार्यक्रमों का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकेगा।

प्रमुख कार्य और जनहित प्रभाव

NALSA का कार्यक्षेत्र अत्यंत व्यापक है। यह पात्र व्यक्तियों को न्यायालयों में निःशुल्क विधिक प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराती है। इसके अलावा

  • लोक अदालतों के माध्यम से त्वरित विवाद निपटान को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे न्यायालयों का बोझ कम होता है।
  • विधिक साक्षरता अभियानों के जरिए नागरिकों को उनके अधिकारों की जानकारी दी जाती है।
  • मध्यस्थता और सुलह को बढ़ावा देकर वैकल्पिक विवाद निवारण की संस्कृति को सुदृढ़ किया जाता है।
  • पीड़ित मुआवजा योजनाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के तहत पीड़ितों और जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NALSA की स्थापना विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत हुई थी।
  • इसके संरक्षक (Patron-in-Chief) भारत के मुख्य न्यायाधीश होते हैं।
  • न्यायमूर्ति विक्रम नाथ को नवंबर 2025 में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
  • NALSA लोक अदालतों, विधिक साक्षरता कार्यक्रमों, और पीड़ित मुआवजा योजनाओं का संचालन करता है।

न्याय तक पहुंच का विस्तार

NALSA विभिन्न पहलों के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों तक न्याय पहुंचाने का कार्य कर रहा है। यह संस्था न केवल विधिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया के प्रति जागरूकता भी बढ़ाती है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ के नेतृत्व में संस्था के और सशक्त होने की उम्मीद है, विशेषकर वैकल्पिक विवाद निवारण, विधिक शिक्षा, और सेवा वितरण के क्षेत्रों में।

Originally written on November 25, 2025 and last modified on November 25, 2025.

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