नोबेल पुरस्कार 2025: इम्यूनो-रेगुलेटरी टी-सेल्स की खोज के लिए तीन वैज्ञानिक सम्मानित

2025 के फिजियोलॉजी या मेडिसिन (चिकित्सा विज्ञान) के नोबेल पुरस्कार से तीन वैज्ञानिकों — मैरी ई. ब्रनको, फ्रेड राम्सडेल और शिमोन सकागुची — को सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उनकी उस क्रांतिकारी खोज के लिए दिया गया है, जिसने यह स्पष्ट किया कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) कैसे यह पहचानती है कि किन तत्त्वों पर हमला करना है और किनकी रक्षा करनी है।
शोध का सार: शरीर की आत्म-रक्षा बनाम आत्म-आक्रमण
इस शोध का केंद्र बिंदु “परिधीय प्रतिरक्षा सहिष्णुता” (Peripheral Immune Tolerance) है। यह शरीर की वह क्षमता है, जिसके माध्यम से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करने से बचती है।
शोधकर्ताओं ने रेगुलेटरी टी-सेल्स (Treg cells) की पहचान की है, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अपने शरीर पर हमला न करे। इन कोशिकाओं की अनुपस्थिति या गड़बड़ी के कारण ऑटोइम्यून रोग जैसे टाइप-1 डायबिटीज़, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, और ल्यूपस जैसे विकार उत्पन्न हो सकते हैं।
शिमोन सकागुची: खोज के अग्रदूत
जापानी इम्यूनोलॉजिस्ट शिमोन सकागुची, जिन्होंने सबसे पहले 1995 में Treg कोशिकाओं की पहचान की थी, इस क्षेत्र के अग्रणी माने जाते हैं। उन्होंने 1979 में ही इस दिशा में शोध प्रारंभ कर दिया था। सकागुची वर्तमान में ओसाका विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। उन्हें 2015 में कनाडा गार्डनर पुरस्कार भी मिल चुका है।
उनकी खोज ने प्रतिरक्षा तंत्र की कार्यप्रणाली की समझ में क्रांति ला दी है और आज यह शोध ऑटोइम्यून बीमारियों के निदान और उपचार में एक बुनियादी आधार बन चुका है।
मैरी ब्रनको और फ्रेड राम्सडेल: जीन आधारित पुष्टि
सकागुची के शोध के बाद, मैरी ब्रनको और फ्रेड राम्सडेल ने एक विशिष्ट माउस प्रजाति (scurfy mouse) पर अध्ययन किया, जो अपने ही ऊतकों पर टी-सेल्स द्वारा हमला होने के कारण मर रहा था।
ब्रनको और राम्सडेल ने यह पाया कि इस बीमारी का कारण एक विशेष FOXP3 जीन में उत्परिवर्तन (mutation) था, जो Treg सेल्स के सामान्य कार्य के लिए ज़रूरी है। यह खोज Treg कोशिकाओं की उपस्थिति और कार्य को जैविक रूप से प्रमाणित करने में एक निर्णायक मोड़ बनी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- 2025 का चिकित्सा नोबेल पुरस्कार 6 अक्टूबर 2025 को कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट, स्टॉकहोम (स्वीडन) में घोषित किया गया।
- Treg कोशिकाएँ हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की “ब्रेकिंग सिस्टम” की तरह कार्य करती हैं।
- FOXP3 जीन Treg कोशिकाओं की कार्यक्षमता के लिए अनिवार्य होता है।
- यह खोज आज ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज, अंग प्रत्यारोपण और कैंसर अनुसंधान में उपयोग हो रही है।