नैरोबी में UNEA-7 की शुरुआत: पर्यावरण रणनीति पर वैश्विक मतभेद उभरे
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-7) की सातवीं बैठक नैरोबी, केन्या में आरंभ हो गई है, जहां 2026–2030 की मध्यम अवधि रणनीति (Medium-Term Strategy) को लेकर सदस्य देशों के बीच गहरे मतभेद सामने आए हैं। यह रणनीति संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के संचालन और वैश्विक पर्यावरणीय प्राथमिकताओं को निर्धारित करने की दिशा में एक केंद्रीय दस्तावेज मानी जाती है, परंतु इसकी स्वीकृति को लेकर गहन विवाद जारी है।
रणनीति को लेकर मतभेद और चर्चा की जटिलताएँ
UNEP की रणनीति पर सहमति बनने के बजाय कई सदस्य देश इसके शब्दावली और दायरे को लेकर पुनः वार्ता की मांग कर रहे हैं।
कुछ देश जहां वर्तमान प्रारूप को यथावत् स्वीकार करने पर ज़ोर दे रहे हैं, वहीं अन्य देश इसके संशोधन की आवश्यकता पर बल दे रहे हैं।
यह रणनीति UNEP की जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और भूमि पुनर्स्थापन संबंधी गतिविधियों का मार्गदर्शन करेगी। इसका अंतिम रूप वैश्विक पर्यावरणीय नीतियों की दिशा तय करेगा।
वित्तीय संकट और बजट में कटौती
UNEP को इस समय गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका सहित प्रमुख दाताओं की ओर से योगदान में कटौती के कारण न केवल नियमित बजट में 20% की कमी आई है, बल्कि Environment Fund में भी 11–12% की गिरावट दर्ज की गई है।
इसका प्रभाव वैश्विक कार्यक्रमों की क्रियान्वयन क्षमता, कर्मचारियों की नियुक्ति और समन्वय तंत्र पर पड़ा है, जिससे संगठन अब बाहरी वित्तीय सहायता पर अधिक निर्भर हो गया है।
प्रस्तावों पर वार्ता और राजनीतिक चुनौतियाँ
इस बार सभा में अपेक्षाकृत कम सक्रिय प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए हैं, क्योंकि कई मसौदे पर्याप्त समर्थन न मिलने के कारण वापस ले लिए गए हैं।
अब तक 15 मसौदा प्रस्ताव विचाराधीन हैं, जिनमें जंगलों में आग (वाइल्डफायर) और ग्लेशियर संरक्षण जैसे विषय शामिल हैं। हालांकि इन प्रस्तावों की स्वीकृति को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक ध्रुवीकरण के कारण रासायनिक प्रदूषण, प्लास्टिक संकट और पर्यावरणीय अपराधों जैसे मुद्दों पर ठोस प्रगति संभव नहीं हो पा रही है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- UNEA-7 का मुख्य विषय UNEP की 2026–2030 मध्यम अवधि रणनीति पर सहमति प्राप्त करना है।
- UNEP के नियमित बजट में 20% कटौती, और पर्यावरण कोष में 11–12% की गिरावट दर्ज की गई है।
- वर्तमान में 15 प्रस्तावों पर चर्चा चल रही है।
- प्रमुख विषय: जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, प्रदूषण, और भूमि क्षरण।
वैश्विक पर्यावरणीय शासन के समक्ष चुनौतियाँ
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया भूराजनीतिक तनाव और वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रही है। ऐसे में बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता और अधिक बढ़ गई है।
अगर सदस्य देश रणनीति पर सहमति नहीं बना पाते, तो यह UNEP की आगामी पांच वर्षों की दिशा को प्रभावित करेगा और वैश्विक पर्यावरणीय प्रयासों की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़ा कर सकता है।
UNEA-7 की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या देश मिलकर जलवायु संकट और पर्यावरणीय आपात स्थितियों से लड़ने के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं।