नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID): भारत की उन्नत जांच और सुरक्षा प्रणाली
भारत की राष्ट्रीय इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) प्रणाली अब एक महत्त्वपूर्ण जांच उपकरण के रूप में उभर रही है। विभिन्न सरकारी और निजी डेटासेट्स को एकीकृत कर वास्तविक समय में सुरक्षित पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से विकसित यह प्रणाली अब हर महीने लगभग 45,000 अनुरोधों का निपटान कर रही है। इसकी बढ़ती उपयोगिता देश की सुरक्षा और खुफिया तंत्र को तकनीकी रूप से सशक्त बना रही है।
राज्य स्तर तक पहुंच का विस्तार
NATGRID की शुरुआत में केवल कुछ केंद्रीय एजेंसियों को ही इसका उपयोग करने की अनुमति थी। लेकिन हाल ही में DGP सम्मेलन में दिए गए निर्देशों के तहत अब इसे राज्य स्तर के पुलिस अधीक्षक (SP) रैंक के अधिकारियों तक भी विस्तारित कर दिया गया है। इससे राज्य पुलिस बलों को भी राष्ट्रीय स्तर की खुफिया जानकारी तक तुरंत पहुंच मिल पा रही है, जिससे जांच में गति और सटीकता दोनों बढ़ी है।
समेकित डेटाबेस से तेज और सटीक खुफिया जानकारी
NATGRID में आधार विवरण, हवाई यात्रा रिकॉर्ड, बैंकिंग जानकारी, ड्राइविंग लाइसेंस और प्रासंगिक सोशल मीडिया गतिविधियों जैसे कई डेटाबेस एकीकृत किए गए हैं। इस केंद्रीकृत व्यवस्था से विभिन्न विभागों से अलग-अलग जानकारी जुटाने की आवश्यकता समाप्त होती है और खुफिया कार्यवाहियों में तेजी आती है। यह प्रणाली देश के लगभग 14,000 पुलिस थानों से जुड़े CCTNS डेटाबेस से भी जुड़ी हुई है, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय जांच तंत्र के बीच समन्वय बेहतर हुआ है।
तकनीकी चुनौतियाँ और उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया
हालांकि उपयोग में तेजी आने के बावजूद कुछ राज्य पुलिस अधिकारियों ने प्रणाली में देरी और लॉगिन प्रक्रिया में धीमापन जैसी समस्याओं की शिकायत की है। इसके अतिरिक्त, कई बार जानकारी प्राप्त करने में अपेक्षा से अधिक समय लगता है, जो वास्तविक समय की प्रक्रिया के उद्देश्य के विरुद्ध है। इन मुद्दों को संबोधित करने हेतु संबंधित तकनीकी टीमों को सूचित किया गया है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- NATGRID की अवधारणा 2009 में 26/11 मुंबई हमलों के बाद की गई थी।
- यह प्रणाली अब हर महीने लगभग 45,000 डेटा अनुरोधों का निपटान करती है।
- SP रैंक के राज्य पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय एजेंसियों को इसकी पहुंच दी गई है।
- यह CCTNS डेटाबेस से जुड़ी है, जो लगभग 14,000 पुलिस थानों को कवर करता है।
सरकार ने 2019 से NATGRID के विकास को नई गति दी है, जिससे यह प्रणाली राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों और राज्य पुलिस के बीच एक प्रभावी समन्वय मंच बन चुकी है। देश में वर्ष 2024 में 20 लाख से अधिक साइबर घटनाओं की रिपोर्ट के बाद साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है, और NATGRID जैसी प्रणालियाँ इस दिशा में केंद्रबिंदु बनकर उभरी हैं।